Pimpri पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) संत ज्ञानेश्वर महाराज के अपने भाई-बहनों और संत नामदेव महाराज के दर्शन पर आधारित 25 मूर्तियों का एक समूह श्री क्षेत्र आलंदी के पास चर्होली में स्थापित किया जा रहा है। पिंपरी पालिका मूर्तिकला परियोजना को पूरा करने की कोशिश कर रहा है जो इस साल की पालकी के जाने से पहले काम पूरा करके भक्तों के हवाले कर दिया जाएगा। यह काम लगभग 12 वर्षों से बड़ी धूमधाम से शुरू हुआ था बाद में रुक गया। छत्रपति शिवाजी महाराज और संत तुकाराम महाराज की यात्रा पर आधारित भक्ति-शक्ति मूर्तियों को पिंपरी-चिंचवड़ का प्रवेश द्वार माना जाता है। इसी तर्ज पर चर्होली में संतसृष्टि परियोजना स्थापित की जा रही है।
पहले चरण में मूर्तियां और दूसरे चरण में 57 भित्ति चित्र बनाए जाएंगे। बारह साल पहले तत्कालीन पुणे के पालक मंत्री अजीत पवार ने भूमि पूजन किया था। शुरुआत में इस परियोजना की लागत दो करोड़ रुपये थी। अब कुल आंकड़ा 29 करोड़ पहुंच चुका है।
यह परियोजना थोरला पादुका मंदिर के पास मैदान में साढ़े तीन एकड़ क्षेत्र में फैली होगी। समूह मूर्तिकला में संत ज्ञानेश्वर,संत नामदेव, संत निवृति महाराज,संत सोपानदेव,संत मुक्ताबाई और 20 अन्य वारकरी मूर्तियां शामिल हैं। अब तक 23 मूर्तियां स्थापित की जा चुकी हैं। संत ज्ञानेश्वर और संत नामदेव की मूर्तियां स्थापित करने का काम बाकी है। यह जल्द ही पूरा हो जाएगा,यह कहा गया था। परियोजना स्थल में 650 बैठने की व्यवस्था के साथ एक अलग खुला हॉल है।
विलंब से होने का कारण
शुरू से ही चला आ रहा यह प्रोजेक्ट कोरोना के चलते लेट हो गया। इसके अलावा आवश्यक अनुमति समय पर प्राप्त नहीं की जा सकी। लेआउट बदलता रहा। परियोजना का क्षेत्रफल बढ़ा। मूर्तिकार ने देर से आने के और भी कारण बताए। यह एक ऐसी परियोजना है जिस पर पिंपरी-चिंचवड़ को गर्व होगा। मूर्तिकला समूह का कार्य अंतिम चरण में है। पालकी रवाना होने से पहले काम पूरा करने की कोशिश कर रही है। जैसे-जैसे परियोजना के काम का दायरा बढ़ता गया,वैसे-वैसे लागत भी बढ़ती गई।