Pimpri पिंपरी (व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल (वाईसीएम) स्नातकोत्तर संस्थान और चिकित्सा विभाग द्वारा कराये गये सिरो सर्वे में शहर के दस हजार नागरिकों के रक्त के नमूनों की जांच की गयी। इसमें पाया गया कि 8,000 से अधिक (81.40 फीसदी) नागरिकों ने कोरोना एंटीबॉडी विकसित की। कोरोना की दूसरी लहर के बाद शहर में कितने नागरिकों ने वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी विकसित कर ली है।
इसका अध्ययन करने के लिए नगर पालिका सीरो ने सर्वेक्षण किया। नागरिक सर्वेक्षण को तीसरी लहर की संभावना मानते हुए छह वर्ष के आयु वर्ग से किया गया था। इसके लिए शहर में 200 क्लस्टर बनाए गए थे। इसके बाद 16 से 26 जून के बीच 21 टीमों के माध्यम से सर्वेक्षण किया गया। इसमें चिकित्सा अधिकारी,नर्स,प्रयोगशाला तकनीशियन और अन्य कर्मचारी शामिल थे। मलिन बस्तियों,झोपड़ियों,गांवों,हाउसिंग सोसायटियों आदि के 10,082 व्यक्तियों के रक्त के नमूनों की वैज्ञानिक जांच की गई है। लगभग समान एंटीबॉडी क्रमशः 81.5 प्रतिशत और 81.3 प्रतिशत महिलाओं और पुरुषों में पाए गए। 81.40 प्रतिशत आबादी में एंटीबॉडी पाए गए।
साफ हो गया है कि ग्रामीण इलाकों के ज्यादातर लोग कोरोना हो गए हैं। एंटीबॉडी 95.60 प्रतिशत हैं जिन्हें अतीत में कोरोनरी हृदय रोग हुआ है। आयु-वार निष्कर्ष निकाले गए हैं। साथ ही एक हजार 464 स्लमवासी,दो हजार 319 स्लमवासी तथा छह हजार 299 सुशिक्षित नागरिकों को श्रेणीबद्ध किया गया। इसने झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले 82.5 प्रतिशत,ग्रामीण क्षेत्रों में 84.5 प्रतिशत और समाजों में 80 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी पाई।
शहर के तीन समूहों से नागरिक रक्त के नमूने लिए गए। 81.40 फीसदी लोगों में कोरोना एंटीबॉडीज पाए गए हैं। यद्यपि पुरुषों और महिलाओं में समान एंटीबॉडी होते हैं। यह निर्धारित करने के लिए एक अध्ययन चल रहा है कि क्या डेल्टा वायरस के मामले में इन एंटीबॉडी का उपयोग किया जाता है। इसलिए नागरिकों को कोरोना रोकथाम नियमों का पालन करते हुए सावधान रहना चाहिए।
6 से 18/1,630/70.6 प्रतिशत
18 से 44/5,226/78.9 प्रतिशत
45 से 60/1,987/91.9 प्रतिशत
60 वर्ष/1,239/90.5 प्रतिशत
कुल/10,082/81.40 प्रतिशत
प्रतिशत सर्वेक्षण यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि महामारी के दौरान पाए गए रोगियों की वास्तविक संख्या के अलावा कितने प्रतिशत लोगों ने इस बीमारी का अनुबंध किया है। स्वस्थ नागरिकों को एंटीबॉडी परीक्षण द्वारा कोरोना के प्रति एंटीबॉडी के लिए परीक्षण किया जाता है। रोग से उबरने वाले रोगियों में एंटीबॉडी देखी जाती है। इसलिए एंटीबॉडी से संक्रमित नागरिकों के प्रतिशत और संक्रमित लोगों की संख्या की जांच करना संभव है। सर्वेक्षण के लिए सौंपे गए 180 लोगों ने 15 दिनों में काम पूरा किया। पिंपरी-चिंचवड़ दस हजार नमूनों का सीईआरओ सर्वेक्षण करने वाला पहला और एकमात्र नगर पालिका है। 81.40 फीसदी आबादी में एंटीबॉडी पाए गए। यह एक सकारात्मक बात है।