National News नई दिल्ली(व्हीएसआरएस न्यूज) संसद मेें मंगलवार को राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला था। अडानी विवाद को लेकर राहुल गांधी ने पूछा था कि आखिर सरकार और अडानी के बीच रिश्ता क्या है? उन्होंने कहा था कि गौतम अडानी आखिर 609वें नंबर के व्यक्ति से दूसरे नंबर के सबसे अमीर आदमी कैसे बन गए।यह पूरा जादू मोदी सरकार आने के बाद से हुआ है। राहुल गांधी के आरोपों पर स्मृति ईरानी ने शाम को जवाब दिया था। अब आज पीएम नरेंद्र मोदी का संसद में भाषण होने जा रहा है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी इस भाषण में राहुल गांधी को अपने ही अंदाज में जवाब दे सकते हैं।
विपक्ष की एकता पर भी पीएम नरेंद्र मोदी ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि आज विपक्ष का गीत है- मिले सुर मेरा तुम्हारा। यह एकता ईडी की वजह से हो गई है। ईडी की जांच इन लोगों को एक मंच पर ले आई है। कुछ लोग हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की बहुत बात करते हैं। कल भी इसकी बात हुई थी। बीते सालों में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने एक बड़ी स्टडी की है। यह है- द राइज ऐंड डिक्लाइन ऑफ इंडियाज कांग्रेस पार्टी। मुझे विश्वास है कि कांग्रेस की बर्बादी पर और भी बड़ी यूनिवर्सिटीज में अध्ययन होना ही होना है।
लोकतंत्र में मैं बहस और चर्चा को जरूरी मानता हूं। लोकतंत्र में आलोचना उसकी मजबूती के लिए है। लोकतंत्र की स्पिरिट के लिए आलोचना एक शुद्धि यज्ञ है। दुर्भाग्य से 9 साल से मैं इंतजार करता रहा, लेकिन आलोचना नहीं बल्कि आरोप ही मिले। सुप्रीम कोर्ट फैसला मन का न दे तो उसकी आलोचना। चुनाव हार जाएं तो ईवीएम पर सवाल। भ्रष्टाचार की जांच हो तो एजेंसियों को गाली दो। सेना पराक्रम करे और वह नैरेटिव देश में विश्वास भरे तो उस पर भी आरोप लगाओ।
पीएम मोदी ने कहा कि जब दुनिया में तकनीक बदल रही थी, तब इन लोगों ने टूजी घोटाला किया। देश में कॉमनवेल्थ गेम्स हुए और युवाओं के सामने छाने का मौका था। उस दौरान भी इन लोगों ने घोटाला कर दिया। सदी के दूसरे दशक में घोटाले पर घोटाले हुए। इतने आतंकी हमले हुए कि हर जगह यह डर था कि कोई भी अनजान चीज न छुएं। 2008 का आतंकी हमला हुआ और दहशतगर्दों के हौसले बुलंद हो गए।
एक बार जंगल में दो नौजवान शिकार के लिए गए थे। वे गाड़ी में बंदूक रखकर टहलने लगे। इसी दौरान उन्हें बाघ मिल गया, अब उन्हें लगा कि करें क्या तो उसे लाइसेंस दिखाने लगे। कहने लगे कि मेरे पास बंदूक का लाइसेंस है। इन्होंने भी बेरोजगारी दूर करने के नाम पर कानून ही दिखाया था और पल्ला झाड़ लिया। 2004 से 2014 का दशक आजादी के इतिहास में घोटालों का दशक रहा। यूपीए के वे 10 साल कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत के हर कोने में आतंकवादी हमलों का सिलसिला चलता रहा।