पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) मराठा आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि 102वें संशोधन के बाद भी राज्यों को पिछड़ी जाति को आरक्षण देने का अधिकार है। केंद्र सरकार की इस पहल का हम स्वागत करते है। यह मराठा आरक्षण के लिए एक बड़ी मदद होगी। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा चंद्रकांत पाटिल ने ऐसा कहा।
102 वें संशोधन के बाद भी पिछड़े के रूप में एक जाति को आरक्षण देने का राज्यों का अधिकार अप्रभावित है,क्योंकि केंद्र सरकार ने मराठा आरक्षण पर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट को स्पष्ट रूप से बताया था। यह महाराष्ट्र के मराठा आरक्षण अधिनियम के पक्ष में केंद्र सरकार की भूमिका थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 102 वें संशोधन के बाद तीन से दो मतों से केंद्र सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया। हालांकि केंद्र सरकार इस संबंध में तुरंत मराठा आरक्षण अधिनियम को अमान्य करने के लिए 3 महत्वपूर्ण मुद्दों में से 102 वां संशोधन था। यदि सर्वोच्च न्यायालय पुनर्विचार याचिका में केंद्र सरकार की भूमिका को स्वीकार करता है तो महाराष्ट्र राज्य को मराठा आरक्षण से बहुत राहत मिलेगी।
राज्य सरकार को समय बर्बाद किए बिना मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका भी दायर करनी चाहिए्। केंद्र सरकार की याचिका के आधार पर राज्य पुनर्विचार याचिका में अधिक चंद्रकांत पाटिल ने कहा,दुर्भाग्य से महाविकास अघाड़ी सरकार ने पुनर्विचार याचिका दायर करने की पहल करने के बजाय परिणाम का अध्ययन करने के लिए एक समिति नियुक्त की। यद्यपि केंद्र सरकार के मुद्दे को सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार कर लिया और मराठा आरक्षण पर राज्य का अधिकार अप्रभावित रहा, गायकवाड़ आयोग की रिपोर्ट को खारिज करने के उपाय किए जाने चाहिए्। या तो पुनर्विचार याचिका के माध्यम से इस मुद्दे पर एक अनुकूल आदेश प्राप्त करना होगा या राज्य सरकार को मराठा समुदाय का समर्थन करना होगा।