पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) प्रशासनिक और प्राकृतिक आपदाएं जैसे 23 नए गांवों,नगरपालिका चुनावों के लिए एक सदस्य वार्ड,दो सदस्य वार्ड और कोरोना की संभावित तीसरी लहर से पुणे पालिका के चुनाव में देरी होने की संभावना है। पुणे की तरह पिंपरी में भी गांवों को शामिल करने के अलावा भी यही समस्या है,ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि इन दोनों पालिका के आम चुनाव अगले साल फरवरी में होंगे या नहीं। पुणे पालिका का कार्यकाल अगले साल 15 मार्च को समाप्त हो रहा है। इसलिए नगरपालिका चुनाव फरवरी में होने की आवश्यकता है। इसके लिए 15 सितंबर तक वार्ड गठन को अंतिम रूप दिया जाना है। इस महीने काम शुरू होने की उम्मीद थी। हालांकि काम शुरू होने की संभावना नहीं है क्योंकि कम से कम एक जून तक कोरोना में लॉकडाउन होगा। पुणे पालिका उपचुनाव के लिए मतदाता सूची की प्रक्रिया शुरू की गई थी लेकिन वह रुक गई है। इसलिए सभी का ध्यान इस बात पर है कि आम चुनाव समय पर होगा या नहीं। पुणे,पिंपरी चिंचवड पालिका चुनाव पर कोरोना छाया,समय पर संभव नहीं
23 गांवों को पालिका में शामिल करने का निर्णय लिया गया है और तदनुसार एक अधिसूचना जारी की गई है। फिलहाल ये गांव पीएमआरडीए के तहत हैं और इनकी विकास योजना तैयार की जा रही है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने सुझाव दिया है कि पीएमआरडीए की विकास योजना तैयार होने के बाद ही इन गांवों को पालिका में शामिल किया जाना चाहिए्। सरकार को ड्राफ्ट जमा करने के लिए 30 अप्रैल तक का समय दिया गया था। लेकिन कोरोना के चलते योजना को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। इसलिए शामिल गांवों का निर्णय लंबित है और इन गांवों को शामिल करने के संबंध में आपत्तियों की सुनवाई चल रही है। जब तक इन गांवों को पालिका में शामिल नहीं किया जाता है, तब तक वार्ड गठन का काम शुरू नहीं किया जाता है।
राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार वर्तमान में एक सदस्यीय वार्ड है। महाविकास अघाड़ी के नेताओं का कहना है कि पुणे में कम से कम दो सदस्य वार्ड होने चाहिए क्योंकि स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत महिलाएं आरक्षित है। इसलिए सरकार को संशोधन करना होगा। सवाल यह है कि क्या सरकार को अपने स्तर पर निर्णय लेने के लिए सम्मेलन तक इंतजार करना होगा। यह स्पष्ट नहीं है कि अगर सरकार इसे मंजूरी नहीं देती है तो राज्यपाल फैसले को मंजूरी देंगे या नही्ं। इसलिए वार्ड गठन शुरू होने से पहले इसका फैसला होने की उम्मीद है।
कोरोना की दो लहरों के चलते राज्य में पांच पालिका चुनाव को आगे बढ़ा दिया गया है। अगले साल मुंबई-पुणे सहित दस और नगरपालिका चुनाव है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की तीसरी संभावित लहर अक्टूबर से नवंबर के बीच होगी। इससे पहले अधिक से अधिक नागरिकों को टीकाकरण की आवश्यकता है इस लहर में छोटे बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा बताया जाता है। इसलिए इस लहर को होने से रोकने के प्रयास किए जा रहे है। इस पृष्ठभूमि में सवाल उठता है कि क्या सरकार चुनाव कराने का साहस दिखाएगी।