Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी-चिंचवड़ शहर में मोशी डिपो में कूड़ा जमा होता है। मनपा उस कचरे के निपटान के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है। हालांकि, चूंकि उन परियोजनाओं का काम धीमी गति से चल रहा है, इसलिए कचरे के ढेर कम नहीं हो रहे हैं। इसके चलते क्षेत्र के लोगों को दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा है।
कचरे से बिजली पैदा करने के लिए वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट राकांपा ने अपने शासनकाल में लाया था। इस परियोजना को सत्तारूढ़ भाजपा के कार्यकाल के दौरान 20 अप्रैल 2018 को महासभा द्वारा अनुमोदित किया गया था। यह परियोजना मोशी डिपो में डिजाइन, बिल्ड, ऑपरेट एंड ट्रांसपोर्ट (डीबीओटी) के सिद्धांत पर स्थापित की जा रही है। ठेकेदार कंपनियां एंटोनी लारा एनविरो और एजी एनविरो इस परियोजना को चलाएंगे। शहर से प्रतिदिन कुल 1 हजार 200 मीट्रिक टन कचरा एकत्र किया जाता है। इसे डिपो में लाया जाता है। इसमें से 600 से 700 मीट्रिक टन सूखे कचरे से उत्पन्न होगा। वह बिजली नगर पालिका खरीदेगी। इसलिए प्रशासन और शासक बार-बार यह दावा कर रहे हैं कि यह परियोजना उपयोगी है।
इस परियोजना की लागत 208 करोड़ रुपए है, इसका रखरखाव, मरम्मत और संचालन 21 साल तक ठेकेदार द्वारा किया जाएगा। परियोजना के लिए पालिका ने ठेकेदार को 50 करोड़ का फंड दिया है। मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एआरएफ) के पहले चरण पर काम चल रहा है। वहां गीला और सूखा कचरा अलग किया जाता है। महासभा की मंजूरी के साढ़े चार साल बाद भी परियोजना अभी तक पूरी नहीं हुई है। इसलिए नगर पालिका को अब तक कचरे से एक यूनिट बिजली भी नहीं मिली है।
इस बीच पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने फरवरी 2022 के महीने में दावा किया था कि यह परियोजना नवंबर 2022 में शुरू होगी। हालांकि अब अधिकारी फिर से नए साल का समय बता रहे हैं। पर्यावरण विभाग ने दावा किया था कि मोशी डिपो में कई वर्षों से जमा कचरे के ढेर को बायोमाइनिंग से हटाया जाएगा। उस काम को फरवरी 2022 में मंजूरी दी गई थी।
हालांकि, पिछले सात महीनों में अब तक सिर्फ 2 लाख क्यूबिक मीटर कचरा ही बायोमाइनिंग से हटाया गया है। करीब छह लाख क्यूबिक मीटर कचरा अभी भी बाकी है। हिंद ग्रो एंड केमिकल्स कंपनी को दिया गया 43 करोड़ 80 लाख का काम ध्यान के अभाव में धीमी गति से चल रहा है। पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने दावा किया कि बारिश के मौसम में काम बंद कर दिया गया था क्योंकि कचरा गीला था और मशीन में नहीं गया था।
अपशिष्ट से ऊर्जा परियोजना जनवरी में शुरू होगी
शहर में रोजाना 1 हजार 200 मीट्रिक टन कचरा जमा होता है। ’वेस्ट टू एनर्जी’ परियोजना का कार्य प्रगति पर है। निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं। अन्य कार्य प्रगति पर हैं। यह परियोजना जनवरी 2023 में शुरू होगी। बायोमाइनिंग का यह कार्य प्रगति पर है। मानसून के दौरान कचरा गीला होने के कारण यह मशीन में नहीं जा रहा था तो काम रुक जाता है। कार्यकारी अभियंता संजय कुलकर्णी ने बताया कि पहले चरण में 2 लाख क्यूबिक कचरा हटाया गया है।