मुंबई(व्हीएसआरएस न्यूज) मुंबई में आरे जंगल की कटाई के विरोध में देवेंद्र फडणवीस सरकार के कार्यकाल में आदिवासी नागरिकों का आंदोलन हुआ था। उस समय 29 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया और अपराध पंजिकृत हुआ था। आज राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार दरियादिली दिखाते हुए सभी आंदोलनकारियों के केस वापस लेने का फैसला किया। पर्यटन मंत्री पुत्र आदित्य ठाकरे आरे जंगल बचाने के हमेशा पक्षधर रहे। इनके आग्रह पर केस वापस लिया गया है।
प्रस्तावित मेट्रो कार शेड के लिए पेडों को कत्ल किया जा रहा था।उस समय लोग भडक गए और आंदोलन किए। पर्यावरणविद समेत कई फिल्मी सितारों ने भी विरोध प्रदर्शन में अपना समर्थन किया। जिसके कारण देवेंद्र फडणवीस सरकार को अपना कदम पीछे खींचना पडा। अब प्रस्तावित कार शेड को आरे से कांजुर मार्ग में स्थलांतरित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री शपथग्रहण के दूसरे दिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नेे प्रोजेक्ट को रुकवाया था। सुप्रिम कोर्ट का भी आदेश था कि पेडों की कटाई को रोका जाना चाहिए।
29 लोगों को किया गया था गिरफ्तार
बता दें कि पिछले साल मेट्रो कार शेड के लिए बीएमसी ने आरे के करीब 2200 पेड़ों की कटाई को हरी झंडी दी थी जिसके खिलाफ अलग-अलग याचिकाएं कोर्ट में दायर की गई थीं। कई लोग विरोध करते हुए सड़क पर उतर आए थे। आरे के पेड़ों की कटाई रोकने के लिए पुलिस ने ना केवल तमाम लोगों को हिरासत में लिया था, बल्कि 29 लोगों को गिरफ्तार भी किया था, इनमें स्टूडेंट्स भी शामिल थे।
98 फीसदी पेड़ कट चुके थे
मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो तुरंत कटाई पर रोक लगाने का आदेश दिया गया था। इस पर मुंबई मेट्रो के प्रवक्ता ने बताया था कि जिन 2185 पेड़ों को काटा जाना था उनमें से 2141 पेड़ काटे जा चुके हैं। मुंबई मेट्रो के प्रवक्ता ने कोर्ट में कहा था कि भविष्य में अब इस जगह कोई भी पेड़ नहीं काटा जाएगा। योजना के मुताबिक, अन्य कार्य जैसे कटे पेड़ों को हटाने और साफ-सफाई का काम जारी रहेगा।