पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) 1 दिसंबर से 22 दिसंबर तक इंग्लैंड से आने वाले यात्रियों का न तो कोरोना परीक्षण किया गया और न ही संस्थागत रूप से अलग किया गया। इन यात्रियों की खोज तब शुरू हुई जब इंग्लैंड में नए कोरोना वायरस का प्रकोप शुरू हुआ। इनमें से 109 यात्रियों के रुकने की जगह भी नहीं थी। पुणे में अब 35 लोगों के पते कहां हैं? अब पालिका ने उनके घर जाकर जांच करने का फैसला किया। कई दिनों से इंग्लैंड से भारत लौटने वाले प्रवासियों की तलाश अभी भी जारी है। इसलिए इन यात्रियों के साथ भारत और महाराष्ट्र में तेजी से फैल रहे नए कोरोना वायरस का खतरा भी बढ़ गया है।
1 से 22 दिसंबर तक इंग्लैंड से पुणे पहुंचने वाले 542 यात्रियों में से 109 यात्रियों के अधूरे पते और गलत नंबर की वजह से पता नहीं लगाया जा सका। इसलिए,उन्हें खोजने की जिम्मेदारी पुलिस को सौंप दी गई थी। पुलिस उनमें से 50 के पते का पता लगाने में कामयाब रही और उन्हें पालिका को सौंप दिया। उन पचास में से 35 यात्री पुणे के हैं। उसके बाद पालिका के स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्षेत्र में फील्ड कार्यालयों को यात्रियों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन 35 यात्रियों का परीक्षण आज से शुरू होगा। इंग्लैंड में पाए गए कोरोना के खतरे को महसूस करने के बाद 22 दिसंबर के बाद आने वाले यात्रियों की अनिवार्य संगरोध बनाने का निर्णय लिया गया। पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। क्योंकि इससे पहले देश भर के यात्री अपने गाँवों में पहुँच चुके थे। इन यात्रियों का पता लगाने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा प्रदान की गई जी-सूची भी अपर्याप्त थी। उनमें से कई का कोई पता नहीं था और कुछ के पास इंग्लैंड में अपना मोबाइल नंबर था। परिणामस्वरूप उन 109 यात्रियों में से जिनका पता नहीं लगाया जा सका पुलिस ने 50 यात्रियों के पते का पता लगाया और पाया कि उनमें से 35 पुणे के थे 15 अन्य जिलों के थे और कुछ अन्य राज्यों के थे।
अब पुणे पालिका स्थानीय प्रशासन को एक पत्र भेजकर उन्हें सूचित करेगा। हमारे सिस्टम ने पिछले आठ-नौ महीनों में कोरोना के अनुभव से कुछ नहीं सीखा है। वास्तव में इंग्लैंड के यात्रियों को आव्रजन स्तर पर रोकने के लिए आवश्यक होने पर उनके कोरोना का परीक्षण किया जाना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो क्वारंटाइन करना चाहिए। लेकिन यात्रियों को जाने दिया गया और स्थानीय पुलिस और प्रशासन को उन्हें खोजने का काम सौंपा गया। इंग्लैंड में एक तरफ कोरोना के खिलाफ टीकाकरण शुरू हो गया है। लेकिन दूसरी ओर नए कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण यह फिर से सख्त लॉकडाउन का समय है। इंग्लैंड के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन को 26 जनवरी को अपनी भारत यात्रा रद्द करनी पड़ी।