पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) कोरोना ने अब तक पुणे में 6,498 रोगियों के प्राण लिया है। इसमें चौंकाने वाली जानकारी सामने आयी है कि अकेले सासून अस्पताल में ढाई हजार मरीज अपनी जान गंवा चुके है। कोरोना पिछले कुछ महीनों से पुणे में तांडव मचा रखा है। कोरोना शहर में अब तक 6,498 लोगों की मृत्यू कर चुका है। पुणे शहर में हुई कुल मौतों में से ढाई हजार पीड़ित अकेले ससून अस्पताल के ह््ैं। ससून में इतनी बड़ी संख्या में रोगियों की मौत के पीछे एक कारण है। ससून अस्पताल राज्य के सबसे पुराने अस्पतालों में से एक है। यह जिले का सबसे बड़ा अस्पताल भी है। इसलिए पुणे जिले और आसपास के जिलों के मरीज इलाज के लिए ससून आते ह््ैं। इस जगह पर इलाज करवाने वाले मरीजों की संख्या बहुत बड़ी है क्योंकि कोरोना वाले हर मरीज को ससून जाना होता है। विशेष रूप से अंतिम चरण के रोगियों को उपचार के लिए सैसून में भेजा जाता है। इसलिए इस स्थान पर मृत्यु दर अधिक है।
ससून में अब तक भर्ती हुए 2,500 मरीजों में से 600 की अस्पताल में भर्ती होने से पहले ही मौत हो गई थी।
इस अस्पताल में देर से आगमन और गंभीर रूप से बीमार रोगियों की मृत्यु दर अधिक है। फिलहाल ससून में 477 मरीज हैं इस बीच कल पुणे में 55 लोग दम तोडे है। वर्तमान में पुणे में कोरोनेट पीड़ितों की संख्या में कमी आयी है। हालांकि,कोरोना पीड़ितों की संख्या घटती नहीं दिखती है। पुणे जिले में कोरोना की दूसरी लहर एक बड़ी तबाही साबित हो रही है। मरीजों की संख्या बढ़ने पर ऑक्सीजन और रेमेडियल इंजेक्शन की कमी है। राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार पुणे जिले में पीड़ितों की संख्या 796645 तक पहुंच गई है। कोरोना से अब तक कुल 680067 लोगों को छूट्टी दी गई है। पुणे जिले में कोरोना के कारण 9020 लोग मारे गए हैं और वर्तमान में 107503 सक्रिय रोगी ह््ैं। दूसरी ओर राज्य ने रविवार को 66,191 नए कोरोना मामले दर्ज किए्। इसके अलावा दिन के दौरान कोरोना के कारण 832 लोगों की जान चली गई्। इसलिए कल कोरोना से 61,450 लोगों की घर वापसी हुई
पशु चिकित्सा क्लीनिक और आवश्यक सेवाओं में डॉक्टर
पशु चिकित्सा औषधालयों और डॉक्टरों को आवश्यक सेवाओं में शामिल किया गया है। केंद्र ने राज्य सरकार को कोविड 19 के सभी नियमों में पशु चिकित्सा औषधालयों को आवश्यक सेवाओं में शामिल करने का निर्देश दिया है। केंद्रीय पशु चिकित्सा विभाग ने तालाबंदी के दौरान पशुओं का समय पर इलाज सुनिश्चित करने के लिए एक परिपत्र जारी किया है। इसलिए पशु औषधालयों,निजी पशु चिकित्सकों और पशुपालन केंद्रों में काम करने वाले कर्मचारी को कोरोना डियूटी में तैनात किए जा रहे है।