पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) प्री-मानसून कार्य के तहत नाला सफाई समेत अन्य सहायक कार्य इस साल भी कागजों पर ही पड़े है। हालांकि पुणे पालिका प्रशासन का दावा है कि 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है,तथ्य असंगत हैं और पुणे पालिका को जनशक्ति की कमी का सामना करना पड़ रहा है। अधूरे काम को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप लगा है। इस बीच अधूरे कार्यों के कारण इस वर्ष भी बारिश के मौसम में नागरिकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। भले ही इन कार्यों पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हों,लेकिन तस्वीर यह है कि ये काम अधूरे हैं प्री-मानसून कार्य के तहत पालिका द्वारा अप्रैल माह में इस प्रकार का कार्य प्रारंभ किया जाता है। सफाई,गहरीकरण,चौड़ीकरण,कक्ष की मरम्मत एवं सफाई,पुलिया,वर्षा जल नालों की सफाई का कार्य किया जाता है। पालिका ने अप्रैल में मुख्य विभाग से कुल 65 लाख रुपये के कार्य के लिए 22 टेंडर जारी किए थे। साथ ही फील्ड कार्यालय स्तर पर 15-15 लाख रुपये के कार्य प्रस्तावित किए गए। इन सभी कार्यों के 31 मई के अंत तक पूरा होने की उम्मीद थी। ये काम मैन पॉवर की कमी के कारण काम ठप है। पुणे पालिका के अधिकारियों ने दावा किया है कि ये काम 15 जून तक पूरा कर लिया जाएगा।
वर्तमान में अम्बिल धारा के कुछ गहरीकरण एवं सफाई का कार्य किया जा चुका है। अंबिल धारा के एक स्थान पर चार दीवारी बनाने का काम शुरू हो गया है। भैरोबा नाला का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इसके अलावा चेंबरों की मरम्मत,रेन गटर और गटर की सफाई,पुलिया की मरम्मत जैसे छोटे-मोटे काम पूरे हो चुके हैं। पालिका प्रशासन ने यह भी दावा किया है कि कटराज झील में जलस्तर को नियंत्रित कर लिया गया है। हालांकि पालिका का यह दावा बारिश में भी धराशायी होने की संभावना है। शहर में 236 छोटे-बड़े नाले हैं। इनकी कुल लंबाई 526 किमी है। इसमें 11 गांवों में 166 किमी लंबे नाले शामिल हैं। शेष 170 किमी के नाले शहर के मध्य भाग से होकर बहते हैं। कटराज,वडगांव शेरी,सर्व पेठा,हडपसर,पाषाण,धनोरी-विश्रांतवाड़ी, हिंगाने, दत्तवाड़ी, औंध और कोथरुड कोथरुड क्षेत्र में 20 खतरनाक स्थान हैं और वहां हर साल जलजमाव की घटनाएं होती रहती हैं। शहर के कुल नालों में से 28 किलोमीटर लंबे नालों की सफाई करना एक चुनौती है। हालांकि पालिका के अधिकारियों का कहना है कि 18 किलोमीटर लंबे नालों की सफाई करा दी गई है।
प्री-मानसून के अधूरे कामों को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्ष ने आरोप-प्रत्यारोप लगाना शुरू कर दिया है। राकांपा,कांग्रेस और शिवसेना ने आरोप लगाया है कि अधूरे कामों के बावजूद सत्ता पक्ष द्वारा काम पूरा किया जा रहा है। टेंडर कम होने से विरोधियों ने काम की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए हैं। हालांकि अगले कुछ दिनों में यह साफ हो जाएगा कि पालिक का दावा टिकेगा या नहीं।
*नाला- 526 किमी लंबा
*कार्यों का समापन -300 किमी लंबाई
*चैम्बर- 40 हजार
*स्वच्छता- 3 हजार
* रेन गटर- 145 किमी लंबा
*काम पूरा हुआ- 100 किमी लंबा
* पुलिया- 300
*स्वच्छता- 200