Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे चैरिटी कमिश्नरेट में पंजीकृत निजी अस्पतालों को मरीजों को सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करना आवश्यक है। जिला कलेक्टर डॉ.राजेश देशमुख ने ऐसा निर्देश प्रायवेट अस्पतालों को दिए। चैरिटी कमिश्नरेट में पंजीकृत अस्पताल गरीबों को मुफ्त इलाज और मध्यम वर्ग को कम लागत वाला इलाज प्रदान करते हैं। हालांकि शहर के कुछ अस्पताल ये सुविधाएं देने से कतरा रहे हैं। इसकी शिकायत जनप्रतिनिधियों द्वारा हर सप्ताह होने वाली साप्ताहिक कोरोना स्थिति समीक्षा बैठक में की गयी। इसी पृष्ठभूमि में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने चैरिटी से पंजीकृत अस्पतालों की बैठक करने के निर्देश दिए। डॉ.देशमुख ने यह चेतावनी चैरिटी से पंजीकृत निजी अस्पतालों की बैठक में दी।
जिन अस्पतालों को चैरिटी से रियायतें मिलती हैं,उन्हें गरीबों को मुफ्त और मध्यम वर्ग को उचित दर पर सुविधाएं देनी चाहिए। ऐसी सुविधाएं नहीं देने वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकारी रियायती अस्पतालों के लिए सेवाएं देना अनिवार्य है। सभी अस्पतालों को कोरोना काल के लिए सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना होगा।
इन अस्पतालों का समय पर ऑडिट होना चाहिए। यह देखा गया है कि कई अस्पतालों का ऑडिट नहीं हो रहा है। इन अस्पतालों पर कमेटी बनाकर तत्काल शिकायतों का निस्तारण किया जाएगा। पुणे,पिंपरी-चिंचवड़ और शेष जिले में 55 से अधिक पंजीकृत अस्पताल हैं। संबंधित अस्पतालों द्वारा गरीब और मध्यम वर्ग को दी जाने वाली सेवाओं की जानकारी देते हुए अस्पताल के सामने के क्षेत्र में सूचना बोर्ड लगाना आवश्यक है। यह बात देशमुख ने कही थी।
चैरिटी से रियायतें पाने वाले शहर के अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया जाएगा। सुविधाएं मुहैया कराना अस्पतालों की जिम्मेदारी है। दृश्य क्षेत्र में प्रत्येक अस्पताल के सूचना अधिकारी का संपर्क नंबर सूचना फलक पर लिखा होना चाहिए। यह सर्जनों की एक टीम नियुक्त करके अस्पतालों के खिलाफ शिकायतों को हल करने का भी प्रयास कर रहा है।