Pimpri पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड महानगरपालिका एक दुधारु गाय की तरह है। विधायक,अधिकारी,पदाधिकारी मिलकर अपने अपने तरीके से इस गाय का दुध समय समय पर निकालते हैं और पीते है। पालिका एक कामधेनू गाय बन चुकी है। जिसने इस गाय का अमृत चखा वह बलवान,ताकतवर बना। केंद्र की अमृत योजना में इन्हीं तिकडी के चलते विष घोलने का काम हो रहा है। शहर का एक विधायक अपने चहेते ठेकेदार को 122 करोड का ठेका दिलाने के लिए सारे नियमों,शर्तों को तोड मरोडकर बदलने की कोशिश कर रहा है। पालिका में तो जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत ही फिट बैठती है। अब विधायक बोले और प्रशासन डोले का नजारा देखने को मिल रहा है। पालिका की तिजोरी को कैसे खाली करना है एक नई परंपरा चल पडी है।
क्या है मामला?
पिंपरी-चिंचवड़ पालिका प्रशासन को कब्जे में लेकर एक विधायक ने अपने सगे संबंधी कंपनी को ठेका दिलाने के लिए सक्रिय है। टेंडर प्रक्रिया के नियम व शर्तों में बडा बदलाव किया जा रहा है। यह ठेका 122 करोड़ रुपए का है। खासतौर पर यह फेरबदल पालिका प्रशासन और राजनीतिक दलों के निर्देश पर किया जा रहा है। पिंपरी-चिंचवड़ पालिका प्रशासन ने केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत 3 स्थानों पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और पंपिंग स्टेशन के निर्माण के लिए 122 करोड़ 29 लाख 48 हजार 740 रुपये का टेंडर जारी किया है। इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए टेंडर सेल की अवधि 45 दिन तय की गई थी। तब से प्रशासन ने अवधि को बढ़ाकर 28 दिन कर दिया है।
चिखली,बोपखेल,पिंपले निलख में सीवरेज लाईन
दरअसल केंद्र सरकार के राष्ट्रीय सुधार मिशन (अमृत) के तहत पालिका सीमा में सीवरेज सिस्टम प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। हालांकि अमृत योजना के तहत स्वीकृत योजना के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और पंपिंग स्टेशन का निर्माण कानूनी मुद्दों के कारण पूरा नहीं हुआ है। इसलिए मनपा ने 122 करोड़ 29 लाख 48 हजार 750 रुपए का नया टेंडर प्रकाशित किया है। चिखली में 12 एमएलडी,बोपखेल में 5 एमएलडी और पिंपले-निलख में 15 एमएलडी स्थापित करने का प्रस्ताव है।
टेंडर की अवधि घटाकर संशोधित प्रोजेक्ट को मंजूरी
कानून के अनुसार जबकि निविदा बिक्री की अवधि 45 दिनों के क्रम में है,आयुक्त राजेश पाटिल ने एक अल्पकालिक निविदा प्रकाशित की है। इस कार्य के लिए निविदा 16 जून 2021 को प्रकाशित की गई थी। टेंडर की अवधि को घटाकर 28 दिन यानी 15 जुलाई 2021 कर दिया गया है। सरकार ने इस काम को 1 साल के भीतर पूरा करने की शर्त पर संशोधित प्रोजेक्ट रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है। प्रशासन ने दावा किया है कि उसने काम की अत्यावश्यकता का हवाला देते हुए निविदा प्रक्रिया की अवधि कम कर दी है। हालाँकि अब इस निविदा प्रक्रिया के नियम और शर्तों में पालिका प्रशासन के माध्यम से शहर में कई सीवरेज परियोजनाओं का निर्माण करा रहे कंपनी के निदेशक व विधायक के एक करीबी को पिछले आठ दिनों से नगर अभियंता कार्यालय में तैनात किया गया है। वहीं शहर के नागरिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी टेंडर की नियम व शर्तों में बड़े बदलाव की साजिश रची जा रही है।
विधायक बोले,प्रशासन डोले
पिंपरी-चिंचवड़ पालिका प्रशासन विधायक,ठेकेदार बोले और प्रशासन डोले की स्थिति में है। यह अमृत योजना में काम से मालूम होता है। राजनीतिक दबाव व प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये के टेंडर के नियम व शर्तों को बदलने की तैयारी चल रही है। ये सभी प्रयास अपशिष्ट जल उपचार परियोजनाओं के लिए निविदाएं जीतने के लिए किए जा रहे हैं। हालांकि क्षेत्र के विशेषज्ञों की राय है कि परिस्थितियों में बदलाव पिंपरी-चिंचवड की जनता के हित में नहीं है।