पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) राकांपा के सर्वेश्वर शरद पवार की तबीयत खराब हो गई है। बुधवार को मुंबई के बींच कैंडी हॉस्पिटल में पेट की सर्जरी होना है। उनकी बीमारी और सरकार में हो रहे उथल पुथल के बारे में व्यंग कसते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि मुझे सरकार के बारे में जानकारी नहीं है मीडिया से बातचीत के दौरान चंद्रकांत पाटिल ने सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी की आलोचना की। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि सरकार पांच साल तक चलेगी। आपने इस बारे में क्या सोचा? यही चंद्रकांत पाटिल से पूछा गया था। तो सरकार क्यों बचनी चाहिए? कहने का मतलब यह है कि सरकार का मतलब यह होगा कि कुछ गड़बड़ है। मैं ठीक हूं, वह ठीक है। कहने की आवश्यकता नहीं। जब आप ठीक महसूस नहीं कर रहे हैं, तो आप नोटिस करते हैं। इसलिए मुझे कहना होगा कि मैं अच्छे स्वास्थ्य में नहीं हूं। चंद्रकांत पाटिल ने सूचक शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे। उनका अप्रत्यक्ष रुप से कहना था कि शरद पवार बीमार नहीं है बल्कि महाराष्ट्र में चल रही आघाडी सरकार बीमार है। इस सरकार का इलाज करना जरुरी है।
राकांपा-भाजपा साथ साथ
क्या बीजेपी-एनसीपी साथ आएंगे? यह सवाल उनसे इस बारे में पूछा गया था। बीजेपी-एनसीपी कार्यकर्ता साथ आने की भविष्यवाणी कर रहे हैं। मैं आपसे वही भविष्यवाणियाँ समझता हूँ। लेकिन जब यह होता है,तो आपको पता चल जाएगा या आप बाद में सुबह शपथ ग्रहण समारोह की तरह जान पाएंगे, ऐसा चंद्रकांत पाटिल ने कहा। यह पता नहीं चल पाया है कि पवार और शाह की मुलाकात हुई या नहीं।
मुझे नहीं पता कि शरद पवार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई या नहीं। लेकिन अमित शाह के भाषण से संकेत मिलता है। उन्होंने कहा होगा कि अगर बैठक नहीं हुई होती तो बैठक नहीं होती। मुझे नहीं पता कि पवार और शाह की इतनी सुकून भरी मुलाकात क्यों हुई। मुझे नहीं पता कि उनके बीच क्या राजनीतिक चर्चा हुई। भारतीय संस्कृति में इस तरह के दौरे आम हैं। इन मुलाकातों को राजनीति से परे देखा जाना चाहिए। राजनीतिक बैठकें करने में कुछ भी गलत नहीं था। अगर बीजेपी-एनसीपी साथ आते हैं,तो क्या आप इसके लिए तैयार होंगे? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा मैं एक सच्चा स्वयंसेवक हूं। पार्टी नेता जो तय करेंगे मैं उससे सहमत हूं। अंततः पार्टी नेतृत्व पार्टी हित में निर्णय लेता है। उन्होंने यह भी कहा कि नेता की इच्छा आज्ञा है और आज्ञा का हमेशा पालन करना है।
तालाबंदी का पुरजोर विरोध करेंगे
राज्य अब लॉकडाउन का खर्च नहीं उठा सकता। आप प्रतिबंधों को कड़ा करते हैं,कोई बात नहीं। पाटिल ने कहा कि लॉकडाउन एक विकल्प नहीं हो सकता है और हम इसका कड़ा विरोध करेंगे। मुख्यमंत्री ठाकरे को मातोश्री बंगले से निकलकर जनता के बीच जाना चाहिए और कोरोना के हालातों पर जायजा लेना चाहिए। राज्य में एक करोड़ असंगठित मजदूर हैं। पिछली बार उन्हें कोई पैकेज नहीं दिया गया था। इस बार भी उन्हें पैकेज नहीं देंगे और उन्हें घर पर रहने के लिए कहेंगे। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे,ऐसी चेतावनी दी। उन्होंने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए 5,000 रुपये के पैकेज की भी मांग की। दिन में बाजारपेठ,व्यापारिक संस्थान खुले रहने चाहिए, रात में कर्फ्यू लगाना चाहिए। हम उसका विरोध नहीं करते।