प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को मधुमेह दिवस मनाया जाता है। कोविड मे मधुमेह साबित हुई घातक। कोरोना संक्रमण मामले में मधुमेह रोगियों को दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। सामान्यतः माना जाता है कि कोरोना जैसी महामारी की चपेट में आने के बाद रोगियों में मानसिक उत्तेजना तथा तनाव घर कर जाता। भारत में हर छठा व्यक्ति मधुमेह से ग्रसित है तथा इसके अतिरिक्त करोंड़ों लोग प्री-डायबिटिक्स हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ नागरिक तथा मधुमेह, हृदय, कैंसर तथा श्वांस रोगियों को कोरोना संक्रमण में गम्भीर परेशानियां झेलनी पड़ सकती है।
डायबिटीज मेलेटस (डीएम), जिसे सामान्यतः मधुमेह कहा जाता है, चयापचय संबंधी बीमारियों का एक समूह है जिसमें लंबे समय तक रक्त में शर्करा का स्तर उच्च होता है। उच्च रक्त शर्करा के लक्षणों में अक्सर पेशाब आना होता है, प्यास की बढ़ोतरी होती है, और भूख में वृद्धि होती है। मधुमेह कई जटिलताओं का कारण बन सकता है। तीव्र जटिलताओं में मधुमेह केटोएसिडोसिस, नॉनकेटोटिक हाइपरोस्मोलर कोमा, या मौत शामिल हो सकती है।[ गंभीर दीर्घकालिक जटिलताओं में हृदय रोग, स्ट्रोक, क्रोनिक किडनी की विफलता, पैर अल्सर और आंखों को नुकसान सम्मलित है आज कोरोना काल में मधुमेह अधिक घातक बन चूका है l
मधुमेह के कारण है या तो अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता या शरीर की कोशिकायें इंसुलिन को ठीक से जवाब नहीं करती।
मधुमेह के सबसे आम संकेतो में शामिल है :
• बहुत ज्यादा और बार बार प्यास लगना • बार बार पेशाब आना • लगातार भूख लगना • दृष्टी धुंधली होना • प्यास में वृद्धि • अत्यधिक भूख • अनायास वजन कम होना • चिड़चिड़ापन और अन्य मनोदशा कमजोरी और थकान को बदलते हैं • अकारण थकावट महसूस होना • अकारण वजन कम होना • घाव ठीक न होना या देर से घाव ठीक होना • बार बार पेशाब या रक्त में संक्रमण होना • खुजली या त्वचा रोग • सिरदर्द • धुंधला दिखना
अक्षमता के कारण शरीर में ग्लूकोज का लेवल हाई हो जाता है और इंसुलिन का उत्पादन भी बाधित होता है. इस पुरानी स्थिति के बारे में जानकारी फैलाने के लिए हर 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है. वर्ल्ड डायबिटीज डे 2020 की थीम ‘नर्स और डायबिटीज’ है यह विषय मधुमेह की रोकथाम (Prevention Of Diabetes) और मैनेजमेंट में नर्सों की भूमिका पर प्रकाश डालता है| डायबिटीज वाले लोग हृदय, आंख, गुर्दे, रक्त वाहिकाओं और तंत्रिकाओं के रोगों के लिए उच्च जोखिम में होते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि दुनिया भर में लगभग 422 मिलियन लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं और हर साल 1.6 मिलियन लोग इस बीमारी के कारण मरते हैं. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, कम आय वाले और विकासशील देशों में लोग मधुमेह की चपेट में अधिक आते हैं. भारत मधुमेह के मामलों में दक्षिण पूर्व एशिया का नेतृत्व करता है|
मधुमेह रोगियों के लिए सर्दियों में हर तरह के संक्रमण का ज्यादा खतरा है। कोरोना और अन्य संक्रमण से बचाने के लिए ऐसे रोगियों को भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों विशेष रूप से विवाह व अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में जाने से परहेज करना जरूरी है तभी स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। मधुमेह रोगियों के लिए सर्दियों में हर तरह के संक्रमण का ज्यादा खतरा है। कोरोना और अन्य संक्रमण से बचाने के लिए ऐसे रोगियों को भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों व अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में जाने से परहेज करना जरूरी है तभी स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
नवीनतम शोध में पाया गया है कि कोरोना संक्रमण से मधुमेह रोगियों को हृदय रोगों से आघात हो सकता है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सुझाए गए लॉकडाउन तथा सामाजिक दूरी आदि उपायों से मधुमेह रोगियों के मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। इसकी वजह से मधुमेह रोगियों में तनाव उत्सुकता/व्याग्रता/चिंता आदि बढ़ने से नींद में खलल पड़ सकता है जिससे ब्लड शुगर अनियन्त्रित हो सकती है। इस महामारी में दवाइयां, पोषाहार एवं टीकाकरण ही सबसे बेहतर विकल्प है। गलत खानपान/पोषाहार की कमी/ नींद की कमी/ तनाव आदि से शरीर की प्रतिरोधात्मक क्षमता कमजोर पड़ जाती है जो घातक सिद्ध हो सकते हैं। अपनी खुराक में ताजा फल, सब्जियां, अंकुरित अनाज आदि को जरूर शामिल करें जो शरीर को एंटी आक्सीडेंट प्रदान करते हैं। अपना भोजन निश्चित समय पर नियमित रूप से लेते रहें। पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं तथा घर में पके भोजन को पहली प्राथमिकता दें। अपनी दिनचर्या में साफ्टड्रिंक, सोडा, फ्रूट जूस, सिरप, सुगंधित दूध, दही आदि से परहेज़ रखें। नियमित रूप से व्यायाम, उचित शारीरिक गतिविधि, पर्याप्त नींद आपके ब्लड शुगर को नियन्त्रित रखने में अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। प्राकृतिक सानिध्य में रहे व नैसर्गिक भोजन चिकित्सक की सलाह पर लें I