पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे जो कि कोरोना के प्रकोप से सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है। अब देश में सबसे अधिक खाट और कृत्रिम श्वसन प्रणाली विकसित की है। पुणे,पिंपरी चिंचवड और ग्रामीण क्षेत्रों ने मिलकर 30,000 से अधिक बेड बनाए हैं, जिनमें से अधिकांश निजी अस्पतालों में उपलब्ध है। जब कोरोना का प्रकोप पिछले साल शुरू हुआ तो पुणे जिले में कुल 4,000 बिस्तर उपलब्ध थे। अब इसे बढ़ाकर पूरे साल में 30,058 बेड कर दिया गया है। इसमें ऑक्सीजन की सुविधा के साथ 11,060 बेड,गहन देखभाल इकाई में लगभग 2,900 बेड और लगभग 1,500 कृत्रिम श्वसन प्रणाली शामिल है।
चिकित्सा प्रणाली के विस्तार के साथ पुणे में चिकित्सा प्रणाली अब मुंबई और दिल्ली की तुलना में अधिक क्षमता की है। कोविड रिस्पांस के लिए पुणे प्लेटफार्म के मुख्य समन्वयक सुधीर मेहता ने कहा कि हमें एक समाज के रूप में आगे आना चाहिए्। चिकित्सा प्रणाली के विस्तार के लिए पिछले एक साल में प्रयास किए गए हैं, जहां हम कुछ कर सकते हैं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए् पुणे में चिकित्सा प्रणाली का काफी हद तक विस्तार हुआ है। निजी अस्पतालों में सबसे ज्यादा बेड बनाए गए है। कई अस्पतालों को कोरोना अस्पतालों में बदल दिया गया। आने वाले समय में तीसरी और चौथी लहरों की भविष्यवाणी की जा रही है। ऐसा नहीं है कि चिकित्सा प्रणाली अभी भी सक्षम है। इसलिए ऑक्सीजन,कृत्रिम श्वसन प्रणाली,बिस्तर को स्थिति को देखते हुए आरक्षित करना होगा।
मौजूदा चिकित्सा प्रणाली को और 20 प्रतिशत तक बढ़ाने की आवश्यकता है। बढ़ी हुई खाटों में से 20 फीसदी से कम सरकारी अस्पतालों में ह््ैं। इसलिए गरीबों को इलाज मुहैया कराने के लिए सरकारी अस्पतालों की क्षमता बढ़ाई जानी चाहिए्। चूंकि निजी अस्पतालों को भारी खर्च करना पड़ता है। इसलिए सरकार को निजी अस्पतालों में दरों पर प्रतिबंध को कम करना चाहिए्। निगम को डैशबोर्ड को बेहतर बनाना चाहिए और इसे वास्तविक समय बनाना चाहिए्। चूंकि रोगी को यह नहीं पता होता है कि स्थान कहां उपलब्ध है,इसे तुरंत बदलने की आवश्यकता है। अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति का मूल्यांकन किया जाना चाहिए और आवश्यकता के अनुसार आपूर्ति की जानी चाहिए्। उसके लिए ऑक्सीजन का उत्पादन किया जाना चाहिए्। भविष्य के लिए सावधानीपूर्वक योजना की आवश्यकता है। आयएमए महाराष्ट्र के पूर्व अध्यक्ष डॉ.अविनाश भोंडवे ने ऐसा सुझाव सरकार को दिए है।