पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) राज्य सरकार ने राज्य में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को ध्यान में रखते हुए एक और बड़ा फैसला किया है। कोरोना रोकथाम के उपायों के लिए राज्य के प्रत्येक विधायक के विधायक निधि से 1 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया गया है और संबंधित विधायक इस निधि को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में खर्च करने में सक्षम होंगे। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने यह जानकारी दी है।
पुणे में विधान भवन में आयोजित करोना समीक्षा बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने नागरिकों को प्रतिबंधों का पालन करने और प्रशासन के साथ सहयोग करने की अपील की है। अन्यथा अतीत में एक सख्त तालाबंदी की घोषणा करनी होगी। पिछले लॉकडाउन में नागरिकों ने अच्छा प्रतिसाद दिया। यह उस समय की पहली लहर थी। हालांकि यह दूसरी लहर है और रोगियों की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है। इसलिए इस लॉकडाउन में भी नागरिकों ने अच्छा समर्थन दिया है। लेकिन कुछ कैबिनेट सहयोगियों ने कल कहा कि अगर नागरिकों ने ठीक से सहयोग नहीं दिया। इसलिए हमें पिछले लॉकडाउन की तरह एक सख्त निर्णय लेना होगा। हम अपने नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि वे ऐसे समय को न आने दे्ं।
इसके अलावा कोरोनरी हृदय रोग एक वैश्विक संकट है। इसलिए ससून के डॉक्टरों को हड़ताल नहीं करनी चाहिए्। इसलिए सरकार को कुछ निर्णय लेने होंगे। डॉक्टरों को ऐसा समय नहीं आने देना चाहिए्। यह चेतावनी उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने दी। जब स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त हो गई तो अजीत पवार ने कहा कि इस तरह की तस्वीर संभव नहीं होगी। बेशक उस प्रणाली की निराशा नहीं है। वह व्यवस्था वर्षों से काम कर रही है। हर मरीज को रेमेडिसवीर देने की जरूरत नहीं है। ऐसा विशेषज्ञों का कहना है। लेकिन डॉ.वर्ग रेमेडिसवीर लाने को कहते है। फिर रोगी के मरीज भटकने लगते है। सांसद, विधायकों को फोन करना शुरू करते ह््ैं।