पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) यह पता चला है कि एक डॉक्टर के अधीन काम करने वाले एक सहकर्मी ने अपना मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल शुरू किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि 22 बेड का यह अस्पताल पिछले दो साल से चल रहा है। फर्जी नाम और फर्जी मेडिकल डिग्री के साथ अस्पताल शुरू किया। पुलिस की जाँच के अनुसार, उन्होंने कोविड रोगियों के लिए एक अलग वार्ड की स्थापना की थी। अस्पताल पुणे जिले के शिरूर में चलाया जा रहा था।
पुलिस ने मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने कहा कि वह मूल रूप से नांदेड़ जिले का रहने वाला था। पुणे ग्रामीण पुलिस की स्थानीय अपराध शाखा को पता चला कि अस्पताल को फर्जी डिग्री और नाम परिवर्तन के साथ चलाया जा रहा था। जब पुलिस ने उस जानकारी के आधार पर पूछताछ की तो पता चला कि आरोपी महेश पाटिल के नाम से अस्पताल चला रहा था। उसके पास एमबीबीएस की डिग्री थी। पुलिस द्वारा आगे की जांच के बाद यह पता चला कि महेश पाटिल का असली नाम महबूब शेख है और वह नांदेड़ जिले के पीरभान नगर के निवासी ह््ैं। गहन पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया।
उन्होंने डॉक्टर के बहाने शिरुर में अपना 22 बेड का अस्पताल चलाने वाले एक कंपाउंडर से पुलिस द्वारा पूछताछ किए जाने के बाद पूरी जानकारी दी। इस बारे में स्थानीय अपराध शाखा के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक पद्माकर घणावत ने कहा, पुलिस की जांच में पता चला है कि महबूब शेख एक कंपाउंडर का काम करता था। वह नांदेड़ के एक अस्पताल में काम कर रहा था। काम करते हुए उन्हें लगा कि हमने चिकित्सा कौशल सीख लिया है। फिर उसने दो साल पहले शिरुर में मौर्य मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल शुरू किया। इसके लिए उन्होंने फर्जी एमबीबीएस की डिग्री बनाई और नाम बदल दिया। हम जांच कर रहे हैं कि उसे फर्जी डिग्री और समर्थन कहां से मिला। महत्वपूर्ण बात यह है आरोपी कोविड रोगियों के लिए एक अलग वार्ड शुरू किया है। पुलिस ने रंजनगांव एमआयडीसी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है।