पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे जिले में बढते कोरोना संक्रमण और मरने वालों की संख्या को देखते हुए लोग डरे,सहमे,भयभीत है। यथाशीघ्र वैक्सीन के टीका लगवा लेना चाहते है। उनको ऐसा लगता है कि टीका लगाने के बाद कोरोना होता है तो कम से कम 70% जान को खतरा नहीं रहेगा। पुणे में वाघोली में टीकाकरण केंद्र बनाया गया लेकिन स्थानीय प्रशासन ने अचानक केंद्र को बदलकर दूसरीजगह स्थानांतरित कर दिया। बताया जा रहा है कि स्थानीय नेताओं के बीच विवाद,तालमेल,वर्चस्व के कारण ऐसा किया गया। लेकिन केंद्र पर पहुंचने पर लाभार्थियों़ को जब पता चला कि केंद्र दूसरी जगह रातो रात कर दिया गया है तो लोगों के पसीने छूट गए। लोग बेहाल होकर नए केंद्र की ओर मैराथन दौड करने लगे। वहां केंद्र पर इतनी भीड जम गई कि लोग यह भी भूल गए कि जिस कोरोना से बचने के लिए वो टीका लगाने आए है,इस रेलमरेल में संक्रमित होने का भी खतरा है।
वाघोली से बी.जे. केंद्र 8 से 10 हजार वर्ग फुट के हॉल में चार महीने से चल रहा है। यहां 17,000 से अधिक लोगों को टीका लगाया गया था। प्रतीक्षा के लिए बहुत जगह होने के बावजूद, टीकाकरण के लिए अलग कमरा,टीकाकरण के अवलोकन के लिए अलग हॉल, डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए अलग कमरा,साहित्य के लिए अलग कमरा,पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह है। केंद्र जिला परिषद सदस्य ज्ञानेश्वर कटके द्धारा आपत्ति के बाद विवाद शुरू हुआ्। इस तर्क के कारण केंद्र की ओर से कदम बढ़ गए्। जनप्रतिनिधियों को इस बात का अहसास भी नहीं था कि वे नागरिकों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे ह््ैं। जनप्रतिनिधियों के इस विवाद का शिकार अधिकारी भी हो रहे है।
लोग संक्रमित होंगे तो कौन जिम्मेदार है?
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन सैकड़ों मरीज जांच के लिए आते है। टीकाकरण केंद्र में जाने से भीड़ बढ़ेगी। इसके अलावा,मरीज और नागरिक के बीच संपर्क की संभावना है जो टीकाकरण के लिए आए है। इससे पॉजिटिव दर बढ़ सकती है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में लोक निर्माण विभाग के गेस्टहाउस में एक टीकाकरण केंद्र स्थापित किया गया है। दो कमरे ह््ैं। टीकाकरण के कर्मचारियों के बैठने के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं है। टीकाकरण के बाद नागरिकों को अवलोकन के लिए बैठने की जगह नहीं है। गेस्ट हाउस के सामने रुकने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है, जिससे सामाजिक गड़बड़ी हो रही है उसी स्थान पर एक छोटा तम्बू बनाया गया है। इससे कुछ नागरिकों को तेज धूप में खड़ा होना पड़ा। बैठने के लिए पर्याप्त जगह भी नही्ं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचने के लिए चार पहिया वाहन के लिए पार्किंग नहीं है। इससे बुजुर्ग व्यक्ति के लिए हाईवे पर चलना मुश्किल हो रहा है। चूंकि पार्किंग के लिए कोई जगह नहीं है, वाहनों को पुणे नगर राजमार्ग पर पार्क किया गया है। इसलिए यातायात बाधित हो रहा है।