पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) कल्पना आढाव पिछले 14 वर्षों से पिंपरी-चिंचवड़ पालिका अस्पताल में एक अनुबंध सुरक्षा गार्ड के रूप में काम कर रही हैं। इनका पुत्र छोटा था तब से वो डॉक्टर बनाने का सपना देख रही थी। उसने उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सपना देखा है। लड़के का नाम अमित कल्पना आढाव है और कल्पना आढाव ने घरों में बर्तन धो कर उच्च शिक्षा दी। अमित ने फिजियोथेरेपी में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है और इंग्लैंड में आगे की पढ़ाई करने का अवसर मिला है। लेकिन आर्थिक स्थिति इसमें बाधा बन रही है। कल्पना आढाव ने अपना दुख और संघर्ष को बताया।
कल्पना आढाव और उनके बेटे अमित दोनों पिंपरी की एक झुग्गी में एक छोटे से कमरे में रहते हैं। अमित सिर्फ एक महीने का था जब उसके पिता ने उन दोनों को छोड़ कर चले गए थे। कल्पना ने निर्वाह के लिए बर्तन धोए। अमित की शिक्षा और दिन के दो भोजन की व्यवस्था करते समय उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी। कुछ साल बाद वह एक अनुबंध के आधार पर सुरक्षा गार्ड के रूप में पालिका में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करने लगी। उस समय उन्हें केवल तीन हजार रुपये के वेतन मिला करता था। उनके पास वर्तमान में 14,000 रुपये का वेतन है और स्लम में रहने वाली कल्पना आढा ने अपने बेटे को फिजियोथेरेपी में बीपीटीएच स्नातक पूरा करने में मदद की।
अमित इस समय एक निजी अस्पताल में इंटर्नशिप कर रहे हैं। उनकी आगे की शिक्षा इंग्लैंड से स्पोर्ट्स एक्सरसाईज अँड मेडिसिन चिकित्सा का अध्ययन करने का अवसर है। हालांकि अमित और कल्पना आढाव को दुविधा इस बात की है कि इंग्लैंड की पढाई का खर्च कहां से आएगा। बच्चे को शिक्षा के लिए विदेश भेजना चाहती है। हालांकि उन्होंने किसी भी स्थिति में झुकना नहीं सीखा है।