पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज)पिंपरी के व्यापारी आनंद उनावणे का दृश्यम फिल्म स्टाइल में पहले अपहरण फिर उसी से फिरौती की रकम मंगाकर उसे माढा में ले जाकर हत्या करने के प्रकरण में पिंपरी चिंचवड शहर की पुलिस ने 4 मुख्य आरोपी समेत 7 लोगों को अलग अलग जगहों से गिरफ्तार करने में सफल रही। फिरौती की कुल 64 लाख में से 39 लाख का नगदी और सोने के गहने बरामद हुआ है। अपहर व हत्या का मुख्य सूत्रधार प्रभू पुजारी आज भी फरार है। अक्टूबर महिने में एक शेयर ब्रोकर तिवारी का जिस बालेनो गाडी का इस्तेमाल किया उसी गाडी का इस अपहरण हत्या मामले में भी इस्तेमाल किया। इसी गाडी के आधार पर आरोपियों का सुराग लगा और पुलिस को कामयाबी मिली। यह एक चुनौतिपूर्ण भरा मामला पुलिस के सामने था। इसमें पुलिस आयुक्त,डीसीपी,एसीपी,क्राइम ब्रांच,डकैती विरोधी पथक,पुलिस स्टेशन की टीम को लगाया गया था। सभी अपने एंगल से जांच की। ऐसी जानकारी आज पत्रकार परिषद में पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने दी। इस अवसर पर अप्पर पुलिस आयुक्त रामनाथ पोकले,डीसीपी(अपराध) सुधीर हिरेमठ,डीसीपी मंचक इप्पर,एसीपी डॉ.सागर कवडे,पिंपरी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक वाघमारे आदि उपस्थित थे।
सात आरोपियों के नाम और जब्त माल-आरोपी दिपक धर्मवीर चांडालिया को हरियाणा के पानीपत से गिरतफ्तार किया गया। वहां के एसपी रधाव ने खुद अपनी टीम के साथ जाकर पकडने में मदद की। चंडालिया के पास से 1 लाख 70 हजार नगदी जब्त हुई। आरोपी सागर दत्तात्रय पतंगे के पास से 4 लाख 36 हजार 53 रुपये कीमत का एक नेकलेस जिसका वजन 102.360 ग्राम है,3,65,678 रुपये की सोने की चूडियां वजन 85.840 ग्राम,3,16,262 रुपये कीमत के सोने का माला वजन 74.240 ग्राम,3,08,083 रुपये कीमत की सोने की चैन,वजन 72.320 ग्राम,59,214 रुपये कीमत के बालाजी पँडाल,वजन 13.900 ग्राम ऐसा कुल मिलाकर 14,85,290 रुपये का माल जब्त हुआ। आरोपी तुलसीराम उर्फ बाबु नथुराम पोकले के पास से 1 लाख नगदी,10 हजार कीमत का एक रेडमी कंपनी का मोबाईल जब्त हुआ है। आरोपी उमेश सुधीरे मोरे से 1,74,188 नगदी,5 हजार का मोबाईल(एमआय),10 हजार का रेडमी मोबाईल,1 हजार का एक एमआय कंपनी का मोबाईल, 200 रुपये का एक कपडे का सॅक कुल 3 लाख 388 रुपये का माल जब्त हुआ। आरोपी प्रविण नवनाथ सोनवणे से 6 लाख का दो फिक्स डिपॉजिट सर्टिकिेट,3 लाख का श्रीनाथ पतसंस्था भिगवन,कुल 9 लाख जब्त,आरोपी राजकुमार हेमनानी से 2 लाख 50 हजार नगदी जब्त किया गया।आरोपी कपिल ग्यानचंद हासवानी से 8 लाख का माल जब्त कुल 39 लाख 5678 रुपये का माल जब्त हुआ है।
इसमें से उमेश मोरेे और सागर पतंगे अभियांत्रिकी छात्र है। आनंद उणवणे की आर्थिक स्थिति के बारे में आरोपियों को पता था। एक साल से मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा था। मुख्यसूत्रधार प्रभू पुजारी उणवणे के यहां प्र्रेंडस पंड इंडिया चीट फंड में पैसा कलेक्शन का काम किया करता था। किसी कारण से उसे उणवणे ने काम से निकाल दिया था उसका मन में गुस्सा और चिढ रखकर एक गैंग तैयार की और अपहरण हत्या फिरौति जैसे खतरनाक खेल को अंजाम दिया।
अपहरण,फिरौती,हत्या किस प्रकार हुई-सभी आरोपी बलेनो गाडी क्र.एमएच 14 जेए 7115 से उणवणे के नर्मदा बिल्डिंग महाडा वसाहत,मोरवाडी में प्रवेश किया। पार्किंग में आरोपियों और मृतक उणवणे के बीच नोंकझोंक,धक्कामुक्की हुई। 3 फरवरी को वहां से किडनैप किया फिर उसके ही माध्यम से फिरौति की रकम मंगवाए। उसके फोन से उसके ही मैनेजर को मैसेज डलवाया कि चीट फंड में जितना फंड हो सब निकाल करके उसके भाई को दे दो। उसके भाई को मैसेज किया गया कि सारा रुपये घर के नीचे पार्क गाडी की डिक्की में रख दो और घर से कुछ सोना,ज्वेलर्स भी लाकर रखने को कहा। फिर उसे गाडी के डिक्की में डालकर हिंजवडी,तम्हाणी घाट होते महाड ले गए वहां डोरी से गला दबाकर हत्या की। सिर को पत्थर से कुचला और हत्या करके नदी में फेंक दिए। इस बीच मृतक का मोबाईल फोन चालू रखा और उसे से मैसेज भेज रहे थे। ताकि सबकुछ ठीक है ऐसा गुमराह करते रहे। हत्या के बाद भी मोबाईल अलग अलग लोकेशन पर चालू रखे। फिर दृश्यम स्टाइल में कर्नाटक जा रहे एक ट्रक में मोबाईल को रख दिया ताकि पुलिस मोबाईल लोकेशन की दिशा में रहे और वे अपने सुरक्षित जगह पर निकल जाए। 3 फरवरी को हत्या 5 को शव महाड में मिलने की जानकारी मिली। हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए करीबन 2000 सीसीटीवी कैमरा को चेक किया गया। बालेनो गाडी कैमरा में दिखी जो शेयर ब्रोकर तिवारी के अपहरण में इस्तेमाल की गई थी इसके आधार पर सुराग मिला और दो आरोपी को बारामती से एक को चांदनी चौक से एक को हरियाणा से ऐसा सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस कामयाब रही।
मैनेजर और घर वालों की गलतियां- मैनेजर को इतनी रकम निकालकर देने को कहा गया उस समय अगर बुद्धि से काम लेकर पुलिस अथवा घरवालों को सूचित करता तो शायद जान बचाई जा सकती थी। पत्नी और एक लिव इन रिलेशनशीप में रहने वाली महिला ने अपहरण की बात तुरंत पुलिस को बतानी चाहिए थी। हिंदी में मोबाईल मैसेज पर शक होना चाहिए था। खुद बात न करके मैसेज क्यों भेजा जा रहा है?इस पर शंका करके पुलिस को खबर देते तो शायद उणवणे आज जिंदा होता। पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने लोगों से अपील की है कि ऐसी कोई संदेहास्पद परिस्थिति दिखे तो तत्काल पुलिस को अवश्य जानकारी देना चाहिए।