दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज: वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि का हिन्दू धर्म और बौध धर्म में बड़ा महत्व है। वैशाख पूर्णिमा तिथि को बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा 26 मई दिन बुधवार को है। इस दिन भगवान बुद्ध, भगवान विष्णु और चंद्र देव की आराधना की जाती है। हिन्दू धर्म में भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार पूर्णिमा का दिन माता लक्ष्मी को भी अत्यंत प्रिय होता है। पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में मां लक्ष्मी की विशेष कृपा होने लगती है। आइए जानते हैं कि वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा की तिथि और इसका महत्व क्या है।
वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा तिथि
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 25 मई दिन मंगलवार को रात 08 बजकर 29 मिनट पर प्रारंभ हो रही है, जो 26 मई दिन बुधवार को शाम 04 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। वैशाख पूर्णिमा का व्रत 26 मई को रखा जाएगा और बुद्ध पूर्णिमा भी इसी दिन मनाई जाएगी।
वैशाख पूर्णिमा के दिन विशेष योग
इस वर्ष वैशाख पूर्णिमा के दिन दो विशेष योग बन रहे हैं। 25 मई को शिव योग रात 10 बजकर 52 मिनट तक है। उसके अगले दिन 26 मई को प्रात: 06 बजकर 01 मिनट से देर रात 01 बजकर 16 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहा है। इस शुभ योग में आप कोई भी कार्य कर सकते हैं।
बुद्ध पूर्णिमा़ व्रत विधि
वैशाख पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान से पहले व्रत का संकल्प लें। पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें और स्नान से पूर्व वरुण देव को प्रणाम करें। स्नान के पश्चात सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। स्नान से निवृत्त होकर भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए और उन्हें नैवेद्य अर्पित करना चाहिए। अंत में दान-दक्षिणा दें।
पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर 11 कौड़ियां चढ़ाकर उनका हल्दी से तिलक करें। अगले दिन इन कौड़ियों को एक लाल कपड़े में बांधकर वहां रख दे जहां आप अपना धन रखते हैं। ऐसा करने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं रहेगी।
इस मंत्र का करें जाप
आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चन्द्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर “ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमासे नम:” या ” ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:. ” मंत्र का जप करते हुए अर्ध्य देना चाहिए। ऐसा करने से धीरे-धीरे आर्थिक समस्याएं खत्म हो जाती हैं।
पीपल के वृक्ष की करें आराधना शास्त्रों में इस बात का वर्णन है कि पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ पर कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करना चाहिए।
चंद्र देव को दें अर्घ्य
वैवाहिक जीवन में मधुरता के लिए पूर्णिमा के दिन पति-पत्नी में से किसी को चंद्रमा को अर्घ्य अवश्य देना चाहिए। पति- पत्नी साथ में भी अर्घ्य दे सकते हैं। इस उपाय से आपके दांपत्य जीवन में प्रेम और मधुरता का रस बना रहेगा।
वैशाख पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण
इस वर्ष वैशाख पूर्णिमा के दिन इस साल का पहला चंद्र ग्रहण लग रहा है। यह 26 मई को दोपहर 02:18 बजे से शुरू होकर शाम 07:19 बजे तक रहेगा।
पूर्णिमा का महत्व
आपको बताते चले की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और चंद्र देव की पूजा की जाती है। इस दिन लोग पूर्णिमा का व्रत भी रखते हैं। भगवान विष्णु और चंद्र देव के आशीष से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।