National नई दिल्ली(व्हीएसआरएस न्यूज) उत्तर प्रदेश में एक बच्चे और कांवड यात्रा रद्द के फैसले से विश्व हिन्दू परिषद योगी सरकार से नाराज है। दोनों फैसले हिन्दूओं के खिलाफ है। कांवड यात्रा हिन्दूओं के आस्था से जुडी है। भोलेबाबा और भक्तों के मिलन में रोक लगाई जा रही है। एक बच्चे की नीति से हिन्दू समाज खतरे में पड जाएगा। हिन्दूओं की आबादी कम हो जाएगी। एक दिन ऐसा आएगा कि बहुसंख्याक हिन्दू अपने ही देश में अल्पसंख्यक हो जाएंगे। योगी बाबा खुद एक कट्टर हिन्दू है फिर ऐसे निर्णय कैसे ले सकते है? ऐसा सवाल विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने खडे किए।
कांवड़ यात्रा हिंदुओं के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा है जो देश को एकता में बांधती है। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जाना चाहिए लेकिन यात्रा पर प्रतिबंध लगाना सही नहीं है। मेरी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों से अपील है कि वे अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और यात्रा की अनुमति दें।
पंचायत,जिला पंचायत अध्यक्ष,ब्लॉक चुनाव हो सकते हैं उसके लिए कोई कोरोना का प्रोटोकॉल लागू नहीं। फिर हिंदूओं के धार्मिक यात्रा पर प्रतिबंध क्यों लगाया जा रहा है। राज्य,केंद्र और सुप्रिम कोर्ट को स्थिति नियंत्रित करने के लिए तरीके खोजने चाहिए ना कि किसी धार्मिक आयोजनों पर पहरा लगाना चाहिए। कुछ प्रतिबंधों के साथ जगन्नाथ यात्रा की अनुमति दी गई थी।
एक बच्चे की नीति की आलोचना करते हुए विहिप के महासचिव जैन कहा कि एक से ज्यादा बच्चे होने पर नौकरी नहीं मिलेगी,चुनाव नहीं लड सकते,सरकारी सुविधाओं से वंचित होने का डर दिखाकर हिंदूओं की आबादी पर अंकुश लगाने का काम हो रहा है। मुसलमान एक से ज्यादा विवाह करते है। हर पत्नी से एक दो बच्चे पैदा करते है। उनकी जनसंख्या बढेगी और हिंदूओं की घटेगी। अधिकांश मुस्लिम सरकारी नौकरी के चक्कर में नहीं पडते। सरकारी सुविधाओं से भी दूर रहते है। राजनीति में भी इक्के दुक्के आते है। अधिकांश मुस्लिम खुद का व्यवसाय करते है,ताकि तीन वक्त की नमाज अदा कर सके। इसलिए उनको कोई फर्क नहीं पडेगा। लेकिन हिंदू समाज इस निर्णय से अवश्य छोटा हो जाएगा। योगी निर्णय पर पुर्नविचार करें।