प्रयागराज । व्हीएसआरएस न्यूज़ : सनातन धर्म में वैशाख पूर्णिमा के पर्व का विशेष महत्व है। आज देश में वैशाख पूर्णिमा मनाई जा रही है। इसको बुद्ध पूर्णिमा, सिद्धिविनायक पूर्णिमा एवं सत्य विनायक पूर्णिमा भी कहा जाता है। आज के दिन गंगा नदी में स्नान का विशेष महत्व है। इसी उपलक्ष्य में आज सुबह-सुबह प्रयागराज में संगम तट पर डुबकी लगाने श्रद्धालु पहुंचे हैं। पवित्र गंगा यमुना और सरस्वती के संगम पर ये लोग आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।
आज स्नान का विशेष महत्व है जिसके चलते सुबह से ही श्रद्धालु यहां स्नान के लिए पहुंचे हैं। कोरोना की दूसरी लहर के बीच भी लोग मां गंगा में आस्था के चलते यहां स्नान-दान करने पहुंचे। लोगों ने मां गंगा से कोरोना की इस आपदा, महामारी को खत्म करने की प्रार्थना भी की।
बुद्ध पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली पर कोरोना महामारी के लिए अनुष्ठान किए जाएंगे। कोरोना संक्रमण के कारण बुद्ध पूर्णिमा पर होने वाले आयोजनों को स्थगित करके सभी आयोजन ऑनलाइन ही होंगे। वाराणसी के सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी विहार मंदिर के वरिष्ठ भिक्षु भंते सुमितान्नद नंद ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी बड़े आयोजन नहीं किए जाएंगे। रोज की भांति सुबह मुख्य मंदिर में स्थापित भगवान बुद्ध के धर्मचक्र प्रवर्तन मुद्रा के समक्ष धम्मसूत कपाट होगा। शाम छह बजे मंदिर परिसर को दीपक से प्रकाशित किया जाएगा।
शास्त्रों के अनुसार, जो लोग वैशाख स्नान नहीं कर पाए उन्हें माह के अंतिम दिन अर्थात् पूर्णिमा के दिन स्नानादि करके इसका पुण्य फल प्राप्त कर लेना चाहिए। इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म भी हुआ था इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। साथ ही इस दिन कूर्म जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन लक्ष्मी प्राप्ति के भी अनेक उपाय किए जाते हैं और अकाल मृत्यु व रोगों से मुक्ति के लिए जलकुंभ का दान भी किया जाता है। 26 मई को ही खग्रास चंद्रग्रहण भी होगा हालांकियह भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए उसके कोई सूतक आदि मानने की आवश्यकता नहीं रहेगी।