National News नई दिल्ली(व्हीएसआरएस न्यूज) सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे। विधानसभा चुनाव में जीत के बाद दो दिन तक चली खींचतान के बीच पार्टी आलाकमान ने उच् पद के लिए सुक्खू के नाम पर मोहर लगा दी है। उप मुख्यमंत्री का पदभार मुकेश अग्निहोत्री संभालेंगे। शपथ ग्रहण समारोह कल यानि रविवार को सुबह 11 बजे होगा। कांग्रेस के हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला ने बताया, ’सर्वसम्मति से सारे विधायकों ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को विधायक दल का नेता चुना है। कल उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। उपमुख्यमंत्री के रूप में मुकेश अग्निहोत्री को चुना गया है। ये आलाकमान का निर्णय है।’
मनोनीत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, ’मैं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और प्रदेश की जनता का शुक्रगुजार हूं। हमने हिमाचल प्रदेश की जनता से जो वादे किए हैं, उन्हें पूरा करना मेरी जिम्मेदारी है। राज्य के विकास के लिए हमें काम करना है। राजनीति की जो सीढियां मैंने चढ़ी हैं उसमें गांधी परिवार का बहुत योगदान रहा है। जो वादे हमने जनता से किए उसे लागू करने की जवाबदेही मेरी है। हम सत्ता, सत्ता के लिए नहीं चाहते हैं। हम सत्ता परिवर्तन के लिए लाए हैं।’
नतीजों के बाद से ही शुरू हो गई थी जोर आजमाइश
मुख्यमंत्री बनने को लेकर सुक्खू ने चुनाव नतीजे आने के बाद से ही अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी थी। नादौन के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को विधायक दल की बैठक से ठीक पहले कांग्रेस के 21 विधायकों के साथ चंडीगढ़ में बैठक की और शिमला रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर चर्चा की। इस घटना को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा गया।
नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों की ओर से आम सहमति से प्रस्ताव पास करके विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार पार्टी अध्यक्ष को सौंपा गया था। इस बीच शनिवार को भी मुख्यमंत्री पद के लिए लामबंदी जारी रही। सुबह से ही कांग्रेस विधायकों का शिमला स्थित सेसिल होटल में जमावड़ा होने लगा, जहां पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक-छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश पटेल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ठहरे हुए हैं।
वीरभद्र सिंह की भरपाई करने में कांग्रेस को हुई कठिनाई
विधानसभा चुनाव में स्पष्ट जनादेश के साथ मिली जीत के बावजूद कांग्रेस को 6 बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के निधन से उत्पन्न हुए शून्य की भरपाई करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। कांग्रेस को विधायक दल के नेता को लेकर आम सहमति बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। विधायक दल का नेता ही मुख्यमंत्री होगा।