Pcmc पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) अत्याधुनिक और प्रायोगिकी,ग्लोबल मार्केट की डिमांड और जरुरत के अनुसार अगर किसान अपनी खेती करते हैं तो उसको एक अंतर्राष्ट्रीय मार्केट उपलब्ध होगा। उसकी आय दुगुनी होगी। किसान की आय दुगुनी होने से देश की अर्थव्यवस्था मजबुत होगी। वर्तमान में भारत एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट में दुनिया के देशों में टॉप 10 की श्रेणी में आता है। सरकार कृषि क्षेत्र में विभिन्न नयी योजनाओं के माध्यम से किसानों और उनकी खेती के उपज,मार्केट पर ध्यान दे रही है। अब वह दिन दूर नहीं जब भारत कृषि क्षेत्र में विश्वगुरु बनकर उभरेगा। ऐसा दावा कृषि और प्राकृतिक संसाधन अर्थशास्त्री और अंतर्राष्ट्रीय कृषि विशेषज्ञ,भारत सरकार डॉ.परशराम पाटिल ने किया।
किसान फूड प्रोसेसिंग,ग्लोबल मार्केट से कनेक्ट हो
डॉ.पाटिल ने व्हीएसआरएस न्यूज अखबार के कार्यालय में शुभेच्छा भेंट दी। इस अवसर पर वे देश की कृषि अर्थव्यवस्था विषय पर एक साक्षात्कार में बोल रहे थे। डॉ.पाटिल ने किसानों को सुझाव दिया कि वे ग्लोबल मार्केट में अपनी भागीदारी बढ़ाएं। बाजार का ध्यान रखते हुए किसान खेती करना चाहिए। अपना कृषि उत्पाद गांव बाजारों से निकालकर कैसे अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में जाए इस बारे में विचार करना चाहिए। एक किसान अकेला बडे मार्केट में अपना उत्पाद बिक्री नहीं कर सकता। इसलिए सरकार ने 100-200 किसानों का एक समुह बनाकर उनको अच्छे मार्केट से कनेक्ट करने की दिशा में प्रयासरत है। भारत सरकार किसानों के हित में कृषि को बढावा देने के लिए नई तकनीकी के आधार पर विभिन्न योजनाओं पर कार्य कर रही है। यह कहने में गर्व होता है कि विपरित परिस्थतियों के बावजूद भारत कृषि निर्यात में 25-30 प्रतिशत की छलांग लगाई है। कोरोना काल में जहां देश के उद्योग धंधे चौपट हो गए,अर्थव्यवस्था चरमराने लगी तो कृषि क्षेत्र ने अकेले देश की अर्थव्यवस्था को मजबुती दी। किसानों को फूड प्रोसेसिंग पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
तीन कृषि कानून का वापस होना दुर्भाग्यपूर्ण
हाल ही में तीन कृषि कानून बिल वापस लेने के सवाल पर डॉ.पाटिल ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण रहा। इससे किसानों को फायदा होता। कृषि कानून लागू करने के तरीके से आपत्ति हो सकती थी लेकिन सरकार के नेक इरादे पर शंका नहीं किया जा सकता। जब तक कृषि को उद्योग की नजर से नहीं देखा जाएगा,किसानों की आय में वृद्धि नहीं हो सकती। किसान के बेटे शिक्षित होकर अब खेती की पुरानी स्टाइल से बाहर निकलकर व्यवसाय की दृष्टि से खेती करने में रुचि दिखा रहे है। विश्व संगठन में भारत की मजबुत स्थिति है,भात सुपर इकॉनोमिक बनने की ओर अग्रसर है।