National News नई दिल्ली(व्हीएसआरएस न्यूज) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना 5वां और देश का 75वां बजट पेश कर रही हैं। सीतारमण ने कहा कि यह अमृतकाल का पहला बजट है, जो पिछले बजट में खड़ी की गई नींव पर पड़ा है। हम ऐसा भारत चाहते हैं, जहां महिलाओं, किसानों, अनुसूचित जाति समेत सभी को जगह मिले। वैसे भी निर्मला सीतारमण पिछले 4 बजट में कुछ न कुछ नया करती आई हैं। चाहे वो ब्रीफकेस से बही-खाता हो,पेपर लेस बजट हो या फिर सबसे लंबा बजट भाषण।
– अगले वित्तीय वर्ष में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया.
– अगले 1 साल तक मुफ्त अनाज योजना, इसके लिए 2 लाख करोड़ रुपए का बजट
– पूंजी निवेश परिव्यय 33% बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 3.3% होगा.
– महामारी से प्रभावित चडचए को राहत दी जाएगी
– 5जी पर रिसर्च के लिए इंजीनियरिंग कॉलेजों में बनेंगी 100 लैब
बजट में वित्त मंत्री के बड़े ऐलान
पहचान पत्र के तौर पर झछ को मान्यता
सीवर सफाई मशीन आधारित करेंगे
ख के लिए सेंटर फॉर इंटेलिजेंस
नगर निगम अपना बॉन्ड ला सकेंगे.
पीएम आवास योजना का फंड बढ़ाया जाएगा.
बजट में निर्मला सीतारमण के बड़े ऐलान
– पीएम आवास योजना के खर्च को 66% बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपये से अधिक किया जा रहा है.
– अगले 3 सालों में, सरकार आदिवासी छात्रों को समर्थन देने वाले 740 एकलव्य मॉडल स्कूलों के लिए 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों को नियुक्त करेगी.
– देश में 50 नए एयरपोर्ट बनाए जाएंगे.
– बच्चों और युवाओं के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी
– पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देते हुए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा.
– कृषि से जुड़े स्टार्ट अप को प्राथमिकता दी जाएगी.
– 2014 से बने मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ कोलोकेशन में 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे.
निर्मला सीतारमण ने बताईं बजट की 7 प्राथमिकता
वित्त मत्री ने बताया कि बजट की 7 प्राथमिकताएं हैं. उन्होंने कहा कि इस बार बजट के मुख्य सात लक्ष्य हैं, जिन्हें सप्तर्षि कहा गया है. 1. समावेशी विकास, 2. वंचितों को वरीयता, 3. बुनियादी ढांचे और निवेश, 4. क्षमता विस्तार 5. हरित विकास, 6. युवा शक्ति, 7. वित्तीय क्षेत्र.
वजह तीन हैं
1. इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं।
2. अगले साल लोकसभा चुनाव है, तो उससे पहले ये आखिरी फुल बजट है।
3. सरकार के पास देश को बताने और जताने का बड़ा इंस्ट्रूमेंट होता है बजट।
युवाओं के कृषि स्टार्ट अप्स को बढ़ावा देने के लिए एग्रीकल्चर फंड की स्थापना की जाएगी।
रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपए का बजट दिया गया है।
पीएम आवास योजना में 66 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है यह सेक्टर अब 69 करोड़ रुपए का हो गया है। 2014 से मौजूद 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे।
1. अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर
भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है।
2. 28 महीने तक तक गरीबों को मुफ्त अनाज
कोविड महामारी के दौरान हमने यह निश्चित किया कि कोई भूखा न सोए। हमने 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 28 महीने तक मुफ्त राशन दिया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
3. प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हुई
2014 से ही सरकार की कोशिश लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाना और क्वालिटी देना रहा है। प्रतिव्यक्ति आय 1.97 लाख यानी दोगुने से ज्यादा हो गई है। दुनिया भारत को चमकदार सितारे की तरह देख रही है। ग्लोबल स्लोडाउन के चलते हमारी विकास दर 7% रही है। बाकी देशों की तुलना में सबसे मजबूत है।
4. डिजिटल पुस्तकालय, टीचरों की भर्ती
बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय स्थापित किया जाएगा। अगले 3 साल में 740 एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स और सपोर्ट स्टाफ नियुक्त किए जाएंगे। इसके तहत 3.5 लाख आदिवासी छात्रों को फायदा मिलेगा। 2014 से मौजूद 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे।
5. राहत और सुधार
कोरोना से प्रभावित हुए छोटे और मझोले उद्योगों को राहत दी जाएगी। विवादों के निपटारे के लिए स्वैच्छिक समाधान योजना लाई जाएगी। लंबी प्रोसेस के बिना ही विवाद सुलझ सकेंगे। व्यवसायों के लिए झछ नंबर का इस्तेमाल सभी डिजिटल सिस्टम्स के लिए पर्याप्त होगा।पिछड़े आदिवासी समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए झचझइढॠ विकास मिशन शुरू किया जाएगा। इससे झइढॠ बस्तियों में बुनियादी सुविधाएं दी जाएंगी। 15 हजार करोड़ दिए जाएंगे।
बजट के सप्तर्षि, वित्त मंत्री ने बताया क्या है सप्तर्षि
वित्त मत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के सात आधार बताए। इन्हें सप्तर्षि कहा गया है। 1. समावेशी विकास, 2. वंचितों को वरीयता, 3. बुनियादी ढांचे और निवेश, 4. क्षमता विस्तार 5. हरित विकास, 6. युवा शक्ति, 7. वित्तीय क्षेत्र। वित्त मंत्री ने कहा कि अमृत काल का विजन तकनीक संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। इसके लिए सरकारी फंडिंग और वित्तीय क्षेत्र से मदद ली जाएगी। इस ’जनभागीदारी’ के लिए ’सबका साथ, सबका प्रयास’ अनिवार्य है।