पिंपरी । व्हीएसआरएस न्यूज़ : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार,पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई। इसमें महाराष्ट्र के 6 लोग भी शामिल है। पुणे शहर से सिंधूताई सपकाल और गिरिश प्रभूणे को पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की गई। दोनों का कार्य सामाजिक स्तर पर लौकिक है।पद्म श्री पुरस्कार विजेता सामाजिक कार्यकर्ता सिंधुताई सपकाल ने इस पुरस्कार पर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने यह भी राय व्यक्त की कि यह पुरस्कार मेरे सहयोगियों और मेरे बच्चों का है।
उन्होंने नागरिकों से अपने अनाथ बच्चों की देखभाल करने की भी अपील की सिंधुताई सपकाल ने कहा मुझे ऐसा लगता है कि आज मेरा जीवन अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया है। मेरे बच्चे बेहद खुश है। वे बहुत उछलने लगे। लेकिन अतीत को भुलाया नहीं जा सकता। वह यहाँ आया था क्योंकि वह अतीत को अपनी पीठ पर बांधकर वर्तमान की खोज कर रहा था। आप सभी ने मदद की,समय-समय पर मेरी दुनिया आगे बढती रही। यह पुरस्कार उन लोगों का है जो मदद करके मेरे बच्चों का पेट भरते रहे हैं,मेरे बच्चों के लिए।
चिंचवड गांव क्रांतिकारी वीर चापेकर स्मारक समिति अध्यक्ष गिरिश प्रभूणे को पद्मश्री मिला है। इन्होंने भटकी विमुक्त जातिय विशेषत: पारधी समाज के पुर्नवसन के लिए विशेष योगदान दिया। सोलापुर के यमगरवाडी में पारधी समाज के लिए सेवा प्रकल्प खडा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चिंचवड में चापेकर स्मारक के साथ साथ वंचित,अनाथ बच्चों के लिए वसाहत निर्माण किया। व्यवसायिक प्रशिक्षण व शिक्षा देकर समाज के मुख्य धारा से जोडने का काम किया। प्रभूणे एक पत्रकार,लेखक,कवि भी है।