दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज: कृषि कानूनों के खिलाफ 34 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर जारी गतिरोध के बीच आज बुधवार को सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत होगी। छठे दौर की वार्ता के लिए सरकार के न्यौते के जवाब में किसान संगठनों ने फिर दो टूक कहा कि वे पूर्व निर्धारित एजेंडे पर बात करेंगे। किसान संगठनों ने कृषि मंत्रालय के सचिव को लिखा है कि हम 30 दिसंबर को दोपहर दो बजे बातचीत के लिए निमंत्रण स्वीकार करते हैं। उन्होंने सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत के तहत कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानूनी गारंटी प्रदान करने के लिए कानून लाने के लिए अपने प्रस्तावित एजेंडे को दोहराया है। सरकार के साथ यह वार्ता बुधवार को दो बजे विज्ञान भवन में होनी है। किसान संगठनों की वार्ता की पेशकश को सरकार ने आगे बढ़कर स्वीकार किया था। किसानों के अड़ियल रुख के बावजूद सरकार को वार्ता में समाधान की पूरी उम्मीद है। बुधवार, 30 दिसंबर को होने वाली पूर्व निर्धारित वार्ता से ठीक पहले आंदोलनकारी किसान नेताओं के अड़ियल रुख से सुलह की पहल को धक्का लगा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार को पत्र लिखकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है।
उनका कहना है कि वे तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की लीगल गारंटी के एजेंडे पर ही बातचीत करेंगे। सरकार को कृषि कानूनों को रद्द करने के तौर तरीके पर ही चर्चा करनी होगी। वार्ता से पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, रेल, वाणिज्य व खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर वार्ता में उठने वाले मुद्दों और उनके समाधान के बारे में चर्चा की। सरकार किसानों की शंकाओं के समाधान को लेकर गंभीर है। लेकिन वार्ता से पूर्व किसान संगठनों के ताजा रुख से सुलह की कोशिशों को धक्का लगा है।
आपको बताते चले कि किसान नेताओं ने कहा है कि सरकार इस साल बातचीत से समाधान निकाल देती है तो ठीक वरना अगला साल भारी पड़ सकता है। इस बीच, पंजाब से टीकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलनकारियों का आना जारी रहा। पंजाब और हरियाणा के 12 किसान नेता अनशन पर रहे। उत्तर प्रदेश से भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने टीकरी बॉर्डर पर आयोजित सभा में किसानों को संबोधित किया। यूपी से किसान नेता रजनेश भारती, बिहार से विजयकांत और केरल से मनोज विषम ने भी सभा में अपने विचार रखे।