पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) महाराष्ट्र के चार वैज्ञानिकों को इस वर्ष का प्रतिष्ठित शान्तिस्वरुप भटनागर पुरस्कार घोषित किया गया। डॉ.अमोल कुलकर्णी,डॉ.सूर्येंदू दत्ता,डॉ.किंशुक दासगुप्ता और डॉ.आनंदवर्धनन शामिल है।
शांति परिषद भटनागर पुरस्कार वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए वैज्ञानिकों को दिया जाता है। इस साल देश भर के बारह वैज्ञानिकों को पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। उनमें से चार राज्य के वैज्ञानिक हैं। डॉ.अमोल कुलकर्णी पुणे स्थित राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला में एक वरिष्ठ मुख्य वैज्ञानिक हैं। उनका शोध इंजीनियरिंग विज्ञान के क्षेत्र में है। उन्होंने फार्मास्यूटिकल्स,रंजक,सुगंध और नैनोकणों के निर्माण में प्रयुक्त रासायनिक भट्टियों के डिजाइन और विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। उन्हें भारत में पहली माइक्रोकैक्टर प्रयोगशाला स्थापित करने का सम्मान भी मिला।
कुलकर्णी को अनुसंधान के लिए धन मुहैया कराएगा। जबकि डॉ. सूर्यदेव दत्ता और डॉ.आनंदवर्धन आईआईटी मुंबई में कार्यरत हैं। डॉ दत्ता भूविज्ञानी हैं और डॉ.आनंदवर्धन एक गणितीय वैज्ञानिक हैं।डाँ. दासगुप्ता भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में काम करते हैं। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की 79 वीं वर्षगांठ के अवसर पर,सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर मांडे ने पुरस्कारों की घोषणा की। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी,भूविज्ञान,स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री और सीएसआईआर के उपाध्यक्ष डॉ. हर्षवर्धन ने समारोह की अध्यक्षता की। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम करने वाले वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार पिछले पांच वर्षों में उनके शोध के लिए दिया गया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सीएसआईआर के संस्थापक निदेशक शांति स्वरूप भटनागर के नाम पर इस पुरस्कार का नाम रखा गया है। यह पुरस्कार 5 लाख रुपये का है।