नई दिल्ली(व्हीएसआरएस न्यूज) भारत-चीन सीमा पर तनाव जारी है। एक तरफ चीन बातचीत में भारत को उलझाकर रखा तो दूसरी ओर आज भारतीय सीमा पर मिसाइलें दागकर चुनौती देने और उकसाने का काम कर रहा है। इसे मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने और युद्धाभ्यास के माध्यम से खूलेआम ललकारना कहते है। इसमें मिसाइलों का ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल किया गया।
भले ही यह एक युद्ध अभ्यास है।लेकिन 90 फीसदी नए हथियारों का इस्तेमाल करना आखिर चीन की मंशा क्या दर्शाती है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर भी इस युद्धाभ्यास के वीडियो शेयर किए गए।ग्लोबल टाइम्स में दावा किया गया कि पीएलए के तिब्बत थिएटर कमांड की ओर से यह युद्धाभ्यास 4700 मीटर की ऊंचाई पर किया जा रहा है। वीडियो में चीनी सेना अंधेरे में ड्रोन विमानों की मदद से हमला करती है और देखते ही देखते पहाड़ी इलाका तबाह हो जाता है।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि सीमा पर बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों की तैनाती पूर्व में हुए करारों का उलट है। ऐसे में जब दो देशों के सैनिक तनाव वाले इलाकों में मौजूद रहते हैं तो वही होता है जो 15 जून को हुआ। यह बर्ताव न सिर्फ बातचीत को प्रभावित करता है बल्कि 30 वर्ष के संबंधों को भी खराब करता है।