पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) आईडीबीआई और दो निजी बैंकों के निजीकरण की सरकार की घोषणा के विरोध में सोमवार (15 मार्च) से बैंक कर्मचारी दो दिन की हड़ताल पर हैं। 12 सार्वजनिक क्षेत्र और पुराने बैंकों के दस लाख से अधिक बैंक कर्मचारी और अधिकारी,छह निजी,छह विदेशी और 56 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक हड़ताल में भाग ले रहे हैं।
ये बैंक 150 लाख करोड़ रुपये या कुल बैंकिंग कारोबार का 70 प्रतिशत संभालते हैं। बैंक कर्मचारी और अधिकारी अपने ग्राहकों के साथ-साथ व्यापार के स्थानों पर घर-घर जाकर यह महसूस कर रहे हैं कि महामारी के मद्देनजर प्रदर्शनों,रैलियों और सभाओं को आयोजित करना संभव नहीं है। इसके अलावा वह विधायकों,सांसदों,जिला परिषद सदस्यों,नगरसेवकों और विभिन्न राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों का दौरा कर रहे हैं। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के संयोजक देवीदास तुलजापुरकर ने कहा कि राज्य भर में 10,000 से अधिक शाखाओं के लगभग 50,000 बैंक कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में भाग ले रहे हैं।
चेक क्लियरिंग ऑफिस में सुबह 6 बजे हड़ताल शुरू होगी। यह मंगलवार (16 मार्च) की मध्यरात्रि तक बंद रहेगा। हड़ताल एक सौ प्रतिशत सफल होगी क्योंकि इसमें बैंक क्लीनर से लेकर शाखा प्रबंधक तक के सभी श्रेणी के अधिकारी शामिल होंगे। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ,राष्ट्र संघ बैंक कर्मचारी संघ,अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ,अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ,भारतीय राष्ट्रीय बैंक अधिकारी कांग्रेस,भारतीय राष्ट्रीय बैंक कर्मचारी महासंघ,राष्ट्रीय संगठन बैंक कर्मचारी संघ भारतीय संघ भाग ले रहा है।