मुंबई(व्हीएसआरएस न्यूज) कोरोना का संक्रमण भले ही चल रहा है, पर काम की तलाश में लोगों का मुंबई, सूरत और अन्य प्रदेशों में काम की तलाश में जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। हालत यह है कि ट्रेन में नवंबर और दिसंबर तक के सभी टिकट आरक्षित हो गए हैं। मुंबई रूट पर जाने वाली ट्रेनों में टिकट का आरक्षण सबसे अधिक है। मुंबई रूट पर जो जनवरी के प्रथम सप्ताह तक टिकट आरक्षित हो गए है।
कोरोना संक्रमण के चलते ट्रेनों का आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया। दूसरे प्रदेशों में रहकर नौकरी और मजदूरी करने वाले लोग पैदल और अन्य वाहनों से ही अपने घर के लिए रवाना हो गए। इसके बाद सरकारी ने प्रवासी मजदूरों के लिए ट्रेन व बस चलाई। लाकडाउन बीतने के बाद कुछ ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ। हाल ही में ट्रेनों की संख्या बढ़ाई गई। धीरे-धीरे ट्रेनों की संख्या बढ़ा कर रेलवे पटरी पर आ रही है। कोरोना का संक्रमण अभी भी है पर ट्रेनों का संचालन होने के बाद लोग दूसरे प्रदेश में काम की तलाश में जाने लगे है। इस समय सबसे अधिक मुंबई रूट के ट्रेनों में टिकट को लेकर मारामारी है। रेलवे आरक्षण केंद्र प्रभारी विपिन प्रजापति ने बताया कि मिर्जापुर स्टेशन से विभिन्न रूटों के लिए 12 ट्रेनों का संचालन हो रहा है। मुंबई रूट पर जनवरी के लिए टिकट आरक्षित हो गई है। बंगलूरु रूट पर नवंबर तक और सूरत रूट तक दिसंबर तक टिकट आरक्षित हो गई है। इसी तरह अन्य रूटों पर भी नवंबर तक यही हाल है। मुंबई रूट पर महानगरी, बंगलूरु के लिए संघमित्रा ट्रेन है।
ट्रक-बसें बनी सहारा
अप्रैल-मई महीने में मुंबई से मजदूरों ने जिस तरह से पलायन किया था, अब उसी का उल्टा फिर देखने को मिल रहा है। कोरोना संकट खत्म नहीं हुआ, लेकिन मजदूर उत्तर प्रदेश और बिहार से लगातार बसों ट्रकों और छोटी गाड़ियों में भरकर मुंबई आ रहे हैं, जिसकी तस्वीरें मुंबई और उसके आसपास के इलाकों के बॉर्डर पर देखने को मिल रही हैं। इन मजदूरों के मुताबिक उत्तर प्रदेश से आने के लिए ट्रेन का टिकट नहीं मिल रहा है। ट्रेनें पूरी बुक हैं, जिसकी वजह से उन्हें बस और ट्रकों का सहारा लेना पड़ रहा है।