पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) देशवासियों की आस्था और विश्वास का प्रतिक अयोध्या राममंदिर निर्माण कार्य शुरु हो चुका है। इस कार्य के लिए देश और विदेश में रामभक्त सक्रिय हो चुके है।15 जनवरी से निधी समर्पण अभियान का आरंभ होने जा रहा है। इसके लिए महाराष्ट्र में 5000 संत और 2.5 लाख रामभक्त 2.5 करोड परिवार से संपर्क करके निधि एकत्रित करेंगे। ऐसी जानकारी आज पत्रकार परिषद में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रिय मंत्री मिलिंद परांडे ने दी। इस अवसर पर शांतीब्रहम ह.भ.प श्री मारोतीबुआ कुर्हेकर,प्रांत अभियान प्रमुख संजय मुजदराले,विभाग सह अभियान प्रमुख चंदुजी पाठक,जिला अभियान प्रमुख धनंजय गावडे,विहिप प्रांत मंत्री विजयराव देशपांडे,आरएसएस के विभाग संघचालक आप्पासाहेब गवारे,प्रांत सह अभियान प्रमुख मिलिंद देशपांडे,प्रांत धर्मजागरण प्रमुख हेमंतराव हरहरे,विभाग कार्यवाह मुकुंदराव कुलकर्णी,विहिप प्रांत प्रचार प्रमुख विवेक सोनक,विभाग मंत्री नितीन वाटकर,जिला कार्याध्यक्ष धनाजी शिंदे,शहर अध्यक्ष शरदराव इनामदार,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संग व विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत,विभाग,जिला प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे।
पश्चिम महाराष्ट्र में 15 जनवरी से 31 जनवरी 2021 तक अभियान चलाया जाएगा। पुणे जिले में 1500 गांव, 250 शहरी वस्ती में 11 लाख परिवारों तक पहुंचने का टारगेट है। इस कार्य में 12000 रामभक्त पूर्ण समय अभियान के लिए समर्पित रहेंगे। ऐसी जानकारी चंदुजी पाठक ने दी। राममंदिर ट्रस्ट की छपी अधिकृत रसीद 1000,100,10 रुपये की दानकर्ताओं को दी जाएगी। दान में मिलने वाली धनराशि को हर दिन ट्रस्ट के बैंक खाता में ट्रांसफर होगा।
राममंदिर निर्माण कार्य के लिए देशभर में 15 जनवरी से 27 फरवरी तक निधी समर्पण अभियान का आरंभ होगा। देश के 4 लाख गांव,11 करोड परिवार तक पहुंचने का लक्ष्य है। अयोध्या में केवल राम मंदिर का निर्माण नहीं हो रहा है बल्कि प्रभू राम का एक तीर्थक्षेत्र बनने जा रहा है। लाखों रामभक्तों की कुर्बानी के बाद यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यह एक राष्ट्र मंदिर निर्माण कार्य है।
9 नवंबर 2019 को सुप्रिम कोर्ट के अंतिम फैसला आने के बाद केंद्र सरकार ने रामजन्म भूमि तीर्थक्षेत्र न्यास की स्थापना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करकमलों द्धारा 5 अगस्त 2020 को भूमिपूजन व शिलापूजन हुआ। अब राम मंदिर निर्माण कार्य शुरु हो चुका है। बिना सिमेंट लोखंड के तीन मंजिला इमारत केवल तराशे पत्थरों के आधार पर अत्याधुनिक तरीके से निर्माण किया जा रहा है। प्रत्येक मंजिला की उंचाई 20 फुट,मंदिर की कुल उंचाई 161 फुट,लंबाई 360 फुट,चौडाई 235 फुट रहेगी। साथ ही 5 शिखर भी समाविष्ट है। इसमें मंदिर परकोट,यज्ञशाला,सत्संग भवन,संग्राहलय,संशोधन केंद्र,प्रदर्शन,अतिथि भवन आदि की अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। साढे तीन वर्ष में मंदिर निर्माण करके करोडों रामभक्तों की सेवा में समर्पित किया जाएगा।