पटना । व्हीएसआरएस न्यूज़ : देश में कोरोना के कहर के बीच बिहार के बक्सर जिले में प्रशासन ने गंगा नदीं के महादेव घाट पर 150 शवों को देखा है। माना जा रहा है कि ये शव कोरोना मरीजों की हो सकती हैं, जो नदी में बहा दी गई हैं।कोरोना से मौत होने के बाद लोग शव को जला भी नहीं रहे है, बल्कि उन्हें जैसे-तैसे अंतिम संस्कार के नाम पर गंगा में ही फेंक दे रहे हैं। गंगा नदी में शव गंगा नदी में तैर रहे हैं। तैरते शव मिलने के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है। स्थानीय लोगोंने नदी में बहती लाशों को देखकर स्थानीय प्रशासन को भी सूचना दी। प्रशासन का कहना है कि यूपी की ओर से लाशें बहकर आई हैं। क्योंकि ये इलाका पूर्वी उत्तर प्रदेश से लगा हुआ है।
प्रारंभिक जांच के दौरान, यह सामने आया है कि शव क्षत विक्षत अवस्था में हैं और 5 से 6 दिन से अधिक पुराने हैं। हम घटना की जांच करने और गंगा के किनारे चौकसी बढ़ाने के लिए वाराणसी और इलाहाबाद (प्रयागराज) में अपने समकक्षों के साथ बातचीत कर रहे हैं।” शवों के निस्तारण का का जिला प्रशासन उचित तरीके से कर रहा है, महादेव घाट की स्थिति बेहद चौंकाने वाली है, जहां नदी में बह रहे शवों को सड़क के कुत्तों और गिद्धों से अलग किया जा रहा है।
बक्सर जिले के चौसा प्रखंड के महादेवा घाट के पास सोमवार को लोगों ने घाट किनारे लाशों को एक साथ बहते हुए देखा। जो सड़ी गली हालत में किनारे पर लग गईं। लोगों का कहना है कि कोरोना से मौत की संख्या बढ़ने और अंतिम संस्कार के ज्यादा रुपए लिए जाने के चलते लोग लाशों को गंगा में प्रवाहित कर रहे हैं। बक्सर डीएम ने कहा है कि 100 से ज्यादा लाशों के बहने और कुछ के किनारे लग जाने की सूचना है। बक्सर एसडीएम ने पूरी स्थिति का कहना है कि शव गंगा नदी में कहीं और से आकर किनारे लग गए हैं। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश के अफसरों से इसको लेकर संपर्क किया गया है कि वहां से लाशें ना बहाई जाएं।
बता दें कि गंगा नदी में बड़ी संख्या में शवों को देखे जाने के बाद आस-पास के इलाकों में भय का माहौल बन गया है। कोरोना वायरस की गंभीर दूसरी लहर के समय में इस घटना ने इलाके में हालात और चिंताजनक बना दिए हैं। लोगों को डर सता रहा है कि इन शवों से इलाके में कहीं कोरोना वायरस संक्रमण न फैल जाए।