राजगुरुनगर,पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) शहीद शिवराम हरि राजगुरु,भगत सिंह और सुखदेव को शहीद दिवस पर राजगुरुनगर में भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई। 23 मार्च को तीनों आजादी के मतवालों को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी पर लटकाया था। राजगुरुनगर यह पुणे के खेड तहसील में आता है। शहीद राजगुरु का यह गांव जन्मस्थली है। हर साल शहीद दिवस पर बडी संख्या में लोग श्रद्धांजलि देने दूरदराज से आते है। लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए गए। केवल श्रद्धांजलि देने के लिए कुछ विशिष्ट लोगों को अनुमति दी गई थी। पिंपरी चिंचवड शहर के वरिष्ठ समाजसेवक मारुति भापकर,शिवसेना के पूर्व सांसद शिवाजीराव आढवराव पाटिल,पुणे जिला परिषद के मुख्य अधिकारी आयुष प्रसाद,प्रांत विक्रांत चव्हाण,तहसीलदार डॉ.वैशाली वाघमारे,उपतहसीलदार राजेश कानस्कर आदि मान्यवर उपस्थित थे। सभी मान्यवरों ने पुष्पहार और ज्योत जलाकर तीनों क्रांतिकारियों को नमन किया। शहीद क्रांतिकारियों को याद करके सभी की आंखें भर आयी।
दिल्ली बॉर्डर पर पिछले कई महिनों से किसानों का आंदोलन चल रहा है। संवेदनशील मोदी सरकार के हठधर्मी की वजह से अब तक 300 किसान दिल्ली बॉर्डर पर शहीद हो गए। शहीद किसानों को राजगुरुनगर की क्रांतिभूमि पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। ऐसी जानकारी मारुति भापकर ने दी। इस अवसर पर भापकर ने काला पोशाक पहनकर केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों का निषेध किया। केंद्र सरकार द्धारा बनाए गए तीन कृषि बिल यह किसानों का डेथ वारंट है। पंजाब,हरियाणा,यूपी के किसान ठंड,वर्षा,धूप में आंदोलन कर रहे है और केंद्र सरकार अपने तानाशाही रवैये पर अडी हुई है। यह समस्या केवल तीन राज्यों की नहीं बल्कि पूरे देश की समस्या है। आज तीनों क्रांतिकारी के शहीद दिवस पर हम संकल्प लेते है कि महाराष्ट्र का किसान भी पूरी ताकत से दिल्ली के किसान आंदोलन भाईयों के साथ खडा है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से अखिल भारतीय किसान सम्मान समिति,जनजन जागरण संघर्ष समिति,मारुति भापकर और उनके सहयोगियों ने 23 मार्च को शहीद दिवस के अवसर पर दिल्ली में किसानों के आंदोलन के प्रति मोदी सरकार द्वारा दिखाई गई असंवेदनशीलता का तीव्र निषेध किया।
पंजाब और महाराष्ट्र का नाता पुराना है। भगतसिंग,सुखदेव पंजाब के रहने वाले थे जबकि राजगुरु महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले थे। तीनों क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी थी और देश में नई कांति की ज्योति जलाने का काम किया। वर्तमान में किसान आंदोलन का नेतृत्व पंजाब,हरियाणा,यूपी के किसान कर रहे है। महाराष्ट्र में राजगुरु के रुप में किसान पुत्रों की कमी नहीं। मिलकर एक नई क्रांति का जन्म देंगे और केंद्र सरकार को नेस्तनाबुद करने का काम किया जाएगा। ऐसी चेतावनी किसान पुत्र और वरिष्ठ समाज सेवक मारुति भापकर ने राजगुरुनगर की धरती से ललकारा है।