दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज: किसानों का आंदोलन पिछले 19 दिनों से जारी है। इस बीच आंदोलन कर रहे किसानों ने कल सोमवार को अनशन किया। शाम 5 बजे के बाद किसानों का अनशन खत्म हुआ है। अनशन खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आज का आंदोलन सफल रहा, किसान वापस नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि कल के बाद रणनीति तैयार की जाएगी। जिन थानों से हमें परेशान किया जाएगा, हम वहां पर पशु बांधना शुरू करेंगे। हम प्रदर्शन शांति पूर्ण तरीके से ही रखना चाहते हैं और सरकार चाहती है कि हंगामा हो। वहीं सरकार ने किसानों के मनाने के लिए अगले दौर की बैठक की तैयारियों के संकेत दिए। इस बारे में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि 10 और संगठन सरकार के साथ आ गए हैं। हम कृषि कानूनों की हर धारा पर बात करने को तैयार हैं। जल्दी ही बैठकर बातचीत की अगली तारीख तय की जाएगी।
मिली जानकारी अनुसार नरेंद्र तोमर ने किसानों को मनाने की रणनीति बनाने के लिए सोमवार को फिर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। शाह के घर पर दोनों मंत्रियों के बीच आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। तोमर ने कहा कि सरकार किसी भी वक्त किसानों से बात करने के लिए तैयार है। किसानों के साथ वार्ता की अगली तारीख तय करने के लिए सरकार उनसे संपर्क में है। बैठक निश्चित रूप से होगी। हम किसानों के साथ संपर्क में हैं। सरकार किसी भी समय बातचीत के लिए तैयार है। किसान नेताओं को तय करके बताना है कि वे अगली बैठक के लिए कब तैयार हैं।
इस बीच आगे की कार्रवाई को लेकर अलग-अलग समूहों ने तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। प्रदर्शनकारी किसानों की 40 यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार की बातचीत की अगुवाई तोमर कर रहे हैं। इसमें उनके साथ केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग व खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश शामिल हैं।
हालाँकि केंद्र और किसान नेताओं के बीच अब तक हुई पांच दौर की वार्ताएं बेनतीजा रही हैं। किसान संगठनों ने दावा किया कि देशभर में अनेक जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन भी आयोजित किए गए। वही केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सड़क पर उतरे किसानों ने सोमवार को अपनी मांग पूरी करवाने के लिए अनशन किया। दिल्ली के सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर व गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने भूख हड़ताल कर अपनी नाराजगी जाहिर की। कड़ाके की ठंड में अपने नेतृत्व के साथ किसान सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, आंदोलन शुरू होने से अब तक सड़क पर अलग-अलग वजहों शहीद हुए किसानों को मुख्य मंच से श्रद्धांजलि भी दी गई।
संयुक्त किसान मोर्चे का कहना है कि दिल्ली के अलावा देश के दूसरे हिस्सों में भी जिला मुख्यालयों पर पहुंचकर किसानों ने तीनों कानूनों का विरोध जताया। सिंघु बॉर्डर समेत दिल्ली के सभी प्रदर्शन स्थलों के मुख्य मंच से तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार सुबह 8 बजे से भूख हड़ताल की किसान नेताओं ने शुरुआत की। सबसे पहले आंदोलन के दौरान 26 नवंबर से अब तक जान गंवाने वाले 20 से ज्यादा किसानों की याद में दो मिनट को मौन रखा गया। इसके बाद अनशन पर बैठे। नेताओं के साथ भारी संख्या में किसानों ने भी अनशन किया।
आपको बताते चले कि मोर्चा की तरफ से दावा किया गया है कि आंदोलन हर दिन तेज हो रहा है। दूसरे राज्यों से किसान दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं। इसका असर सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर व गाजीपुर बॉर्डर पर देखा जा सकता है, जहां किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सरकार से किसान कानूनों को रद्द करने की मांग करते करते हुए किसानों ने शाम पांच बजे अनशन खत्म किया।