नई दिल्ली । व्हीएसआरएस न्यूज़ : पश्चिम बंगाल में 2 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद हिंसा का दौर एक बाद फिर से शुरू हो गया है। राज्य में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी TMC को मिली भारी जीत के बाद अब भाजपा और सत्ताधारी दल के वर्कर्स के बीच बदले की राजनीति का खूनी खेल शुरू हो गया है। अब तक 6 जिलों से हिंसा की खबरें आई हैं और दो दिन में करीब 11 लोगों के मारे जाने की खबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यपाल जगदीश धनखड़ को फोन किया और बंगाल में आगजनी और हत्याओं पर चिंता जाहिर की है।
”पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद जारी हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चिंता जताई है। बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने उनसे फोन पर बात की थी और राज्य में फैली हिंसा को लेकर चिंता जताई थी। गवर्नर धनखड़ ने कहा, ‘प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने कॉल किया था और कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर गहरी चिंता और नाराजगी व्यक्ति की। मैंने भी इस पर चिंता जताई और बताया कि राज्य में तोड़फोड़, लूट और हत्याओं का दौर लगातार जारी है। राज्य में कानून व्यवस्था को संभालने के लिए तत्काल एक्शन लिए जाने की जरूरत है।’
इस बीच बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव भूपेंद्र यादव सोमवार को बंगाल पहुंच गए हैं। बीजेपी की ओर से बंगाल में कार्यकर्ताओं के खिलाफ जारी हिंसा के विरोध में 5 मई को देशव्यापी धरने का भी ऐलान किया गया है। बीजेपी की ओर से ट्वीट किया गया है, ‘बंगाल में नतीजों के बाद टीएमसी के कार्यकर्ताओं की ओर से जारी भीषण हिंसा के विरोध में बीजेपी ने देशव्यापी धरने का ऐलान किया है। यह बीजेपी की ओर से मंडल स्तर पर किया जाएगा। धरने के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती के साथ पालन किया जाएगा।’
दोनों नेता राज्य में राजनीतिक हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिजनों से मुलाकात करेंगे। इससे पहले बीजेपी की ओर से हिंसा पर चिंता जताते हुए कहा गया था कि यह लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बीजेपी के पूर्व राज्यसभा सांसद स्वप्न दासगुप्ता ने इस बीच ट्वीट कर राज्य के मुख्य न्यायाधीश से हिंसक घटनाओं का स्वत: संज्ञान लेने की अपील की है और कहा है कि उन्हें प्रशासन को आदेश देना चाहिए कि हिंसा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राज्य भर में हुई हिंसा मामले में जांच की अपील के साथ मंगलवार को भाजपा नेता गौरव भाटिया ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। भाजपा नेता ने कोर्ट से मांग की है कि राज्य सरकार को इस बाबत निर्देश दिया जाए कि हिंसा को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं उसपर रिपोर्ट पेश करे। इसके अलावा पश्चिम बंगाल हिंसा मामले में इंडिक कलेक्टिव ट्रस्ट ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की जिसमें राज्य में कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए केंद्रीय बल तैनात करने के लिए निर्देश की मांग की है।
ममता बोलीं- केंद्रीय बलों ने हमारे वर्कर्स पर अत्याचार किए
वहीं प्रचंड जीत हासिल करने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने हिंसा की खबरों के बीच सभी से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने आरोप लगाए कि केंद्रीय बलों ने चुनावों के दौरान टीएमसी समर्थकों पर काफी अत्याचार किए। उन्होंने कहा कि परिणाम घोषित होने के बाद भी बीजेपी ने कुछ इलाकों में हमारे समर्थकों पर हमला किया लेकिन हमने अपने लोगों से किसी के उकसावे में नहीं आने की अपील की और इसके बजाय पुलिस को सूचना देने के लिए कहा है।
भाजपा ने TMC पर लगाया हिंसा का आरोप
भाजपा ने बंगाल में जारी हिंसा के लिए TMC को जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि TMC के गुंडों को हिंसा और उत्पात के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौन सहमति मिली हुई है। उनके कई नेता खुलेआम हिंसा के लिए अपने लोगों को भड़का रहे हैं। पात्रा ने कहा कि ये संयोग नहीं, प्रयोग है, प्रायोजित है। ममता जी ने चुनाव से पहले भाषण देते हुए कहा था कि चुनाव समाप्त होने के बाद CRPF तो वापस चली जाएगी, उसके बाद का समय TMC का होगा, हम भी देखेंगे। आज पूरा हिंदुस्तान और विश्व देख रहा है कि बंगाल में क्या हो रहा है। आप को बात देें की भाजपा का आरोप है कि 2 मई को मतगणना के दिन नंदीग्राम, कोलकाता, आसनसोल, हुगली समेत कई इलाकों में उनके समर्थकों, कार्यकर्ताओं की दुकानें लूट ली गई हैं। TMC के लोगों के द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों में आग लगाई गई है। हमारे 9 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। इतना नहीं महिलाओं को घरों से निकालकर रेप भी किया गया है।
2 मई से जारी हिंसा में अब तक 11 की मौत
रविवार शाम से सोमवार रात तक विभिन्न हिस्सों में हिंसा की घटनाएं घटी हैं। इन घटनाओं में 11 लोगों के मारे जाने की खबर है। भाजपा का आरोप है कि इनमें 9 उसके कार्यकर्ता हैं। जबकि बर्द्धमान में एक TMC और उत्तर 24 परगना में एक ISF के कार्यकर्ता की जान चली गई है। इन घटनाओं में आरोप तृणमूल कांग्रेस पर लगा है।