नई दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज : सरकार ने सूक्ष्म, लघु एव मझोले उद्यमों (MSME) के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया आसान कर दी है। MSME को अब रजिस्ट्रेशन के लिये केवल पैन और आधार देना होगा। MSME मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि रजिस्ट्रेशन के बाद एमएसएमई इकाइयां को वित्त समेत विभिन्न क्षेत्रों में प्राथमिकता मिलेगी। उन्होंने कहा कि उद्यमिता और अन्य संबंधित पहलुओं को देखते हुए छोटी इकाइयों को प्रशिक्षण देना चाहिए। मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह कहा गया।
गडकरी ने उम्मीद जतायी कि बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां भी छोटे कारोबारियों की मदद करेंगी। नई व्यवस्था के तहत एमएसएमई के रजिस्ट्रेशन के लिये अब केवल पैन (स्थायी खाता संख्या) और आधार देने की जरूरत होगी।
बढ़ाया कर्ज का दायरा
आपको बताते चले कि भारतीय रिजर्व बैंक ने ऋण समाधान व्यवस्था 2.0 के दायरे का विस्तार किया है. आरबीआई ने इसके तहत एमएसएमई (MSME), गैर-एमएसएमई, छोटे कारोबार और लोगों के लिए कारोबारी उद्देश्य से अधिकतम कर्ज सीमा को दोगुना कर 50 करोड़ रुपये कर दिया है. अभी तक यह दायरा 25 करोड़ रुपये था.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करने के अवसर पर कहा कि समाधान रूपरेखा 2.0 के तहत अधिक कर्जदारों को लाभ देने के लिए इस योजना का दायरा बढ़ाया गया है. अब 50 करोड़ रुपये तक के कर्ज वाले एमएसएमई, गैर-एमएसएमई, छोटी यूनिट्स या व्यक्ति इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
MSME क्या है
MSME का मतलब सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम है। देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इसका लगभग 29 फीसद का योगदान है। यह सेक्टर देश में रोजगार का सबसे बड़ा जरिया है।