नई दिल्ली । व्हीएसआरएस न्यूज़ : सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) के नए डायरेक्टर के नाम का मंगलवार को आखिरकार ऐलान हो गया है। सुबोध कुमार जायसवाल को सीबीआई का चीफ नियुक्त किया गया है। इस रेस में सुबोध के अलावा तीन और नाम शामिल था। इनमें यूपी के पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी, सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक कुमार राजेश चंद्रा और केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव वीएसके कौमुदी शामिल थे। आपको बता दें कि सुबोध जायसवाल 1985 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं।
1985 बैच के महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल मुंबई के पुलिस आयुक्त और महाराष्ट्र के डीजीपी भी रह चुके हैं. साथ ही उन्होंने आईबी और रॉ में भी काम किया है। इससे पहले सीबीआई के नए डायरेक्टर के नाम को लेकर तीन नाम सबसे आगे चल रहे थे, जिसमें यूपी पुलिस के डीजी एच सी अवस्थी, आर के चंद्रा और वी एस के कामुदी का नाम शामिल था। वीएसके कामुदी असम-मेघालय कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी और राष्ट्रीय जांच एजेंसी के डायरेक्टर जनरल हैं।
22 सितंबर 1962 को जन्मे सुबोध जायसवाल 23 साल की उम्र में ही आईपीएस अधिकारी बन गए थे। इनकी काबलियत को देखते हुए देश की खुफिया एजेंसी में कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन के लिए चयन किया गया, जहां उन्होंने बहुत ही बेहतर तरीके से अपनी भूमिका निभाई। जायसवाल देश की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी रॉ (RA& W) में देश के बाहर कई सफल ऑपरेशंस को अंजाम दे चुके हैं. दिल्ली में सेंट्रल डेपुटेशन में आने से पहले यानी CISF के DG बनने से पहले सुबोध जायसवाल मुम्बई के एडिशनल पुलिस कमिश्नर पद पर कार्यरत थे।
महाराष्ट्र में तैनात रहते हुए, जायसवाल ने कुख्यात तेलगी घोटाले की जांच की थी, जिसे बाद में सीबीआई ने अपने कब्जे में ले लिया था। उस समय जायसवाल राज्य रिजर्व पुलिस बल का नेतृत्व कर रहे थे। बाद में वह महाराष्ट्र एटीएस में शामिल हो गए, और लगभग एक दशक तक रिसर्च एंड एनालिसिस विंग में काम करते रहे। वह देवेंद्र फडणवीस सरकार के कार्यकाल में राज्य में लौट आए और जून 2018 में उन्हें मुंबई का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया। बाद में वह महाराष्ट्र के डीजीपी बने।
कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, जायसवाल सीबीआई की कमान संभालेंगे। यह पद फरवरी के पहले सप्ताह से तब से खाली पड़ा है, जब ऋषि कुमार शुक्ला ने अपना कार्यकाल पूरा किया था। उसके बाद से अपर निदेशक प्रवीण सिन्हा अंतरिम प्रमुख के रूप में प्रमुख जांच एजेंसी के मामलों को देख रहे हैं।
गौरतलब है कि नए सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के लिए 24 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के नए निदेशक के चयन के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति की अध्यक्षता की थी। प्रधानमंत्री के अलावा समिति के दो अन्य सदस्य लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमन्ना भी उपस्थित थे। यह बैठक प्रधानमंत्री आवास पर हुई।
लगभग 90 मिनट तक चली बैठक में चौधरी ने अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि जिस तरीके से चयन की प्रक्रिया अपनाई गई वह समिति के अधिदेश से मेल नहीं खाती है। सुबोध कुमार के डायरेक्टर बनने से पहले, 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी और सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक प्रवीण सिन्हा सीबीआई निदेशक का प्रभार संभाल रहे थे।