श्रीराम मंदिर ट्रस्ट से अग्रीमेंट करने वाले बिल्डर सुल्तान अंसारी लापता
अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने दी सफाई,बतायी असली सच्चाई
अयोध्या। व्हीएसआरएस न्यूज़ : श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा दस मिनट पहले खरीदी गई दो करोड़ की जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 18.5 करोड़ में करा लिया गया। एक ही दिन हुए बैनामे व एग्रीमेंट में ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह रहे। घोटाले के ये आरोप आम आदमी पार्टी (आप) के आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और अयोध्या से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री पवन पांडेय ने लगाए हैं। हुए प्रधानमंत्री से मामले की सीबीआई जांच कराने व दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। राम मंदिर ट्रस्ट पर जमीन खरीद में घोटाले का आरोप लगाते हुए विपक्ष जहां हमलावर दिख रहा है, वहीं ट्रस्ट ने सभी आरोपों को गलत बताते हुए बयान दिए हैं। इन सब के बीच अयोध्या के सुल्तान अंसारी अपने घर से लापता हैं। सुल्तान अंसारी वही शख्स हैं, जिनसे राम मंदिर ट्रस्ट ने 18.50 करोड़ में जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करवा लिया है।
कैसे हुई जमीन की खरीद-फरोख्त ?
जमीन की खरीद-फरोख्त मामले से जुड़े एक शख्स के अनुसार,अयोध्या के बाग विलैसी में स्थित 180 बिस्वा (12,080 वर्ग मीटर) जमीन हरीश पाठक और कुसुम पाठक की थी। इसे उन्होंने सुल्तान अंसारी,रवि मोहन तिवारी,इच्छा राम,मनीष कुमार,रवींद्र कुमार, बलराम यादव और अन्य तीन के नाम 2019 में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया था। इस जमीन का सौदा 26.50 करोड़ रुपये में तय हुआ। इसकी सरकारी मालियत करीब 11 करोड़ रुपये आंकी गई थी। 2.80 करोड़ रुपये हरीश पाठक और कुसुम पाठक के खाते में ट्रांसफर कर 80 बिस्वा जमीन की रजिस्ट्री कराई गई। बाकी 100 बिस्वा जमीन एग्रीमेंट धारकों ने अपनी सहमति से दो लोगों के नाम लिख दिया, जिनसे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 18.50 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करवा लिया है।
अयोध्या के महापौर ने दी सफाई,बतायी असली सच्चाई
जिन राजनीतिक पार्टियों ने कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं, इतने दशकों तक कोर्ट में राम मंदिर के निर्णय आने में अड़ंगा डाला, तुष्टिकरण हेतु भगवान राम का अस्तित्व ही नकार दिया, आपको क्या लगता है वो बिना कोई बाधा पहुंचाए मंदिर निर्माण का कार्य पूरा होने देंगे ? 17.9.2019 में कुसुम पाठक ने 2019 के जमीन के रेट के अनुसार सुलतान अंसारी को 2 करोड़ में अपनी जमीन बेचने का एग्रीमेंट किया था! तब राम मंदिर मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी! इसलिए उस समय जमीन का मार्केट रेट 2 करोड़ था!
9 नवंबर 2019 को राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद एक साल में अयोध्या में जमीन के रेट कई गुना बढ़ गए जो स्वाभाविक ही था!
आरोप झूठा निकला तो आरोप लगाने वालों पर कार्रवाई हो-आचार्य सत्येंद्र दास
श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि जो ट्रस्ट पर आरोप लगा है वह संभव नहीं है। इसकी जांच होनी चाहिए, यदि जांच में दोषी पाए जाते हैं तो कार्रवाई भी हो लेकिन यदि मामला झूठा निकलता है तो आरोप लगाने वालों पर भी कार्रवाई हो। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि हम पर आरोप लगते ही रहते हैं, 100 साल से आरोप देख रहे हैं। हम पर महात्मा गांधी की हत्या के आरोप लगे हैं। आरोप से चिंता नहीं करते, हम अपना काम कर रहे हैं। पूरे मामले का अध्ययन करने के बाद अपना पक्ष रखेंगे।
भव्य मंदिर के निर्माण में कुछ और जमीन की आवश्यकता थी, इसलिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर के लिए उपयुक्त जमीन सुलतान अंसारी से 2021 के रेट पर 18.3.2021 को 18 करोड़ में खरीदी क्योंकि कुसुम पाठक से हुए एग्रीमेंट के अनुसार वो जमीन सुलतान अंसारी की थी!चूंकि कुसुम पाठक 17.9.2019 को अपनी जमीन सुलतान अंसारी को 2 करोड़ में बेचने का एग्रीमेंट कर चुकी थी इसलिए उन्होंने उसी दिन 18.3.2021 को 2 करोड़ में जमीन का बैनामा सुलतान अंसारी को कर दिया! सुलतान अंसारी ने तुरंत ही 18 करोड़ में राम मंदिर ट्रस्ट के नाम उस जमीन का बैनामा कर दिया!
बैनामे के स्टैंप में जो समय दिखाया जा रहा है उससे कोई मतलब नहीं है क्योंकि कुसुम पाठक 17.9.2019 में ही एग्रीमेंट कर चुकी थी! राम मंदिर निर्माण एक महायज्ञ है और इतिहास साक्षी है कि जब जब महायज्ञ हुआ है तो उसमें राक्षस अलग अलग तरीके से विघ्न डालने आये हैं, जो कोई भी राम मंदिर निर्माण के महायज्ञ में अवरोध पैदा करने की कोशिश कर रहा है, वो सनातन का असली दुश्मन है। सावधान रहें।