दिल्ली। व्हीएसआरएस न्यूज़: धर्मांतरण किसी ऐसे नए धर्म को अपनाने का कार्य है, जो धर्मांतरित हो रहे व्यक्ति के पिछले धर्म से भिन्न हो। दुनिया में स्वेच्छा से धर्मांतरित होने के कम ही किस्से सुनने को मिलते हैं।
धर्मांतरण की समस्या भारत की स्वतंत्रता के पूर्व से है । विदेशी आक्रमणकर्ताओ ने केवल भारत की सत्ता प्राप्त करने के लिए नहीं, अपितु भारत को ‘गजवा-ए-हिंद’ (इस्लामी राज्य) बनाने के लिए आक्रमण किए थे । आज धर्मांतरण हेतु विदेश से ‘हवाला’ और ‘काले धन’ के माध्यम से बहुत पैसा आ रहा है । केवल मिशनरी-धर्मांध ही नहीं; अपितु नक्सलवादी, माओवादी, अलगाववादी, आतंकवादी इन सभी को हवाला के माध्यम से धन पहुंचाया जाता है । इसलिए देश को सबसे अधिक संकट ‘हवाला’ और ‘काले धन’ से है ।
यदि वास्तव में धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगाना है, तो ‘हवाला’ और ‘काला धन’ बंद करने हेतु 100 रुपए से बडा नोट न लाएं, साथ ही धर्मांतरण के विरोध में कठोरतम धारा भारतीय दंड संहिता में जोडी जाए । उस धारा में 10 से 20 वर्ष का कारावास तथा संपत्ति जब्त करना भी सम्मिलित हो, ऐसा प्रतिपादन सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने किया । वे ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ आयोजित ‘धर्मांतरण की बढती समस्या : क्या है उपाय ?’, इस ‘ऑनलाइन विशेष संवाद’ में बोल रहे थे ।
इस समय उत्तरप्रदेश की ‘इंडिक एकेडमी’ के समन्वयक श्री. विकास सारस्वत ने कहा कि, धर्मांतरण बंदी कानून अनेक राज्यों में लागू है, तब भी किसी भी मिशनरी पर कठोर कार्यवाही नहीं की गई । अन्य अवैध गतिविधियों में पकडे जाने पर भी धर्मांधों पर कार्यवाही करने का साहस सरकार और पुलिस नहीं करती । धर्मांतरण कैसे करें, इस हेतु विदेश में विविध पद्धति के आधुनिक प्रशिक्षण दिए जाते हैं ।
इनका सामना करने के लिए केवल धर्मांतरण बंदी कानून पर निर्भर रहना अनुचित होगा । कानून में सुरंग बनाई जाती है । इसलिए हिन्दू धर्म के मिशनरी निर्माण करने चाहिए । धर्मांतरण का प्रतिवाद प्रतिधर्मांतरण से दिया जाना चाहिए ।
आपको बताते चलें कि इस बारे में हिन्दू जनजागृति समिति के आंध्र प्रदेश समन्वयक श्री. चेतन जनार्दन ने कहा कि, धर्मांतरण के कारण देश के 7 राज्यों में आज हिन्दू अल्पसंख्यक हो गए है ।
कोरोना महामारी के समय एक लाख से अधिक हिंदुओं का धर्मांतरण किया गया, यह ईसाई मिशनरी सार्वजनिक रूप से बता रहे हैं । एक धर्मांतरित व्यक्ति द्वारा आंध्र प्रदेश की 100 से अधिक मूर्तियां तोडी गई हैं । ईसाई पास्टर विजय ने एक बार कहा था कि, यदि हिंदुओं को हमसे कष्ट हो रहा है, तो हमें अलग राष्ट्र दें । इससे उनकी मानसिकता दिखाई देती है ।
इन सभी धर्मांतरण का मूलभूत उपाय है ‘हिन्दुआें को धर्मशिक्षा देना ।’ इस हेतु समिति द्वारा अनेक ‘ऑनलाइन’ धर्मशिक्षावर्ग चालू किए गए हैं । उनके माध्यम से हिन्दुआें को जागृत और संगठित किया जा रहा है । एक बार जागृत हुए हिन्दू धर्मांतरित नहीं होते ।