मुंबई(व्हीएसआरएस न्यूज) महाराष्ट्र के अहमदनगर कर्जत तहसील में एक डॉक्टर ने समाज के तानों से तंग आकर पहले पत्नी और दो बच्चों को जहर का इंजेक्शन लगाकर खुद फांसी लगा ली। मरने से पहले एक सुसाइट नोट लिखकर गया है जिसमें लिखा है कि एक बेटा दिव्यांग होने के कारण समाज के तानों और बर्ताव अब बर्दाश्त नहीं किया जाता है। हम उसका दुख सहन नहीं कर सकते। इसलिए सभी ने सहमति से यह निर्णय लिया है। हम समाज में एक अपराधी की तरह महसूस करते हैं क्योंकि मेरा बड़ा बेटा कृष्णा सुनने में सक्षम नहीं है। हम कई दिनों से इससे पीड़ित हैं। इससे तंग आकर परिवार के साथ जीवन लीला समाप्त कर रहे है।
शनिवार सुबह पुलिस को डॉ थोरात(41) पत्नी वर्षा(39) बड़े बेटे कृष्णा(16) और छोटे बेटे कैवल्य(7) का शव उनके घर से बरामद हुआ है। उनका राशिन गांव में एक अस्पताल भी है। पत्नी और बच्चे तीनों एक कमरे में थे और डॉक्टर दूसरे कमरे में। उनकी मौत का खुलासा तब हुआ जब कुछ मरीज डॉक्टर के पास दवा लेने पहुंचे थे। यहां से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। पत्र में यह भी लिखा है कि उनकी सारी संपत्ति दिव्यांग बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था को दान कर रहे है। डॉ थोरात का बड़ा बेटा कृष्णा एक क्रिकेटर भी था। वह पुणे के खेल संस्थान से पढ़ाई कर रहा था और लॉकडाउन की वजह से अपने घर आ गया था।
गरीबों का मुफ्त में इलाज करते थे डॉ थोरात
डॉ थोरात मेडिकल प्रैक्टिस करने के साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। स्थानीय लोगों की माने तो वे कई बार फ्री में गरीब मरीजों का इलाज कर देते थे। इस तरह से उनकी मौत के बाद इलाके में अफवाहों का बाजार गर्म है। पुलिस और डॉग स्क्वायड की टीम मौके पर मौजूद है और मामले की जांच कर रही है।