पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी पालिका स्थायी समिति ने विकास कार्यों के लिए करोड़ों रुपये के वृद्धिशील-संशोधित खर्च को मंजूरी देने का रिकॉर्ड बनाया है। पिछली दो बैठकों में बिना किसी चर्चा के 30 करोड़ रुपये की वृद्धि को मंजूरी दी गई। विपक्षी एनसीपी और शिवसेना के सदस्यों की चुप्पी सब कुछ बता रही है क्योंकि उन्हें विटामिन (एम) मिल रहा है। समिति का कार्यकाल दो महीने में समाप्त हो रहा है। इसलिए यह कहा जा रहा है कि चलते-फिरते खर्च में वृद्धि करके जितना माल हो सके लपेट लो। विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने वृद्धि और संशोधित खर्च के मुद्दे पर भारी विरोध की थी।उन्होंने तत्कालीन अधिकारियों पर बढ़ी हुई लागत पर संगीन आरोप लगाया था। लोकप्रिय नारे जैसे न खाऊंगा न खाने दूंगा लगाया गया। हालांकि सत्ता में आते ही भाजपा वाले नारों के संग शायद पांच साल के लिए हड़ताल पर चले गए।
सत्तारूढ़ भाजपा जो कि बढ़े हुए खर्च के नाम पर सत्ता की सीढ़ी चढ़ी थी अब उसे वृद्धि खर्च की रस मलाई के स्वाद का पता चल गया है। इसीलिए तो पालिका तिजोरी से अनावश्यक करोड़ों रुपये मंजूर किए जा रहे हैं। स्थायी समिति के पास अपना कार्यकाल पूरा करने के लिए दो महीने का समय है। समिति का कार्यकाल फरवरी के अंत में समाप्त हो रहा है। अभी आठ बैठकें शेष हैं। इसलिए बढ़े हुए खर्चों को मंजूरी देने के लिए एक रिकॉर्ड बनाया जा रहा है। किसी भी विषय को किसी भी विषय में ढकेला जा रहा है। स्थायी समिति के सदस्य पिछले दो बैठकों में 30 करोड रुपये की वृद्धि को मंजूरी देकर अपनी आर्थिक वृद्धि करने में सफल रहे । पिछली दो बैठकों में 29 करोड़ 71 लाख 16 हजार रुपये की वृद्धि को मंजूरी दी गई है।
23 दिसंबर 2020 को स्थायी समिति की बैठक में अनुमोदित विषय!
14 करोड़ 30 लाख रुपये की अतिरिक्त लागत से थेरगांव-बापूजी बुवानगर में अस्पताल के निर्माण के लिए नगरसेवकों द्वारा लाए गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। परिणामस्वरूप अस्पताल की लागत 48.93 करोड़ रुपये से बढ़कर 63.25 करोड़ रुपये हो गई है।
30 दिसंबर को स्थायी समिति की बैठक में अनुमोदित विषय!
बिजलीनगर से गुरुद्वारा तक मेट्रो के निर्माण के लिए पालिका द्वारा 4.5 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी।
नाले पर स्लैब बिछाने को भोसरी में खाई भरने का काम का प्रस्ताव था। इस कार्य पर अतिरिक्त 7.5 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। प्रशासन के प्रस्ताव को उचित समय में मंजूरी दी गई। सदस्य ने बिना किसी चर्चा के पालिका के कार्यशाला विभाग में कार्यों के लिए 2 करोड़ 10 लाख रुपये के अतिरिक्त खर्च के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। कब्रिस्तान में साहित्य पूर्ति के लिए प्रशासन ने 32 लाख 16 हजार रुपये की मंजूरी दी। पार्क स्ट्रीट के सामने औंध-रावत बीआरटीएस सड़क निर्माण ने 96 लाख 97 हजार प्रशासन के प्रस्ताव को बढ़ा दिया,जिसे भविष्य में चर्चा के बिना मंजूरी दी जाएगी।
काम समय पर पूरे नहीं होते,स्टैंडिंग कमेटी जवाब नहीं मांगती
पालिका ठेकेदार को विकास कार्य पूरा करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित होता है। उसके अनुसार प्रशासन द्वारा दिए गए समय के भीतर काम पूरा करना अनिवार्य होता है। लेकिन काम समय पर पूरे नहीं होते। ठेकेदार जानबूझकर काम समय पर पूरा नहीं करते ताकि बाद में वृद्धि खर्च मिल सके। समय पर काम पूरा नहीं करने के लिए ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय प्रशासन,स्थायी समिति के सदस्य पुरस्कार के रुप में वृद्धि खर्च के प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए स्थायी समिति के पास लाते हैं। वृद्धि-संशोधित खर्च के प्रस्ताव को एजेंडे पर नहीं लाया जाता है। बैठक से पहले प्रस्ताव पेश किए जाते हैं ताकि इस पर चर्चा न हो सके। मतलब चोर की दाढी में तिनका,पालिका तिजोरी खाली करने का तरीका।
राष्ट्रवादी,शिवसेना की चुप्पी संदिग्ध!
स्थायी समिति में कुल 16 सदस्य हैं जिनमें से एक भाजपा से संबद्ध निर्दलीय चार राकांपा से और एक शिवसेना से है। बाकी भाजपा के सदस्य है। सत्तारूढ़ भाजपा अरबों रुपये वृद्धि खर्च के रुप में स्वीकृति दे रही है। इसके लिए कोई चर्चा तक नहीं कराया जाता। एनसीपी और शिवसेना की स्थायी समिति के सदस्य बढ़े हुए खर्च को मंजूरी देते वक्त चुप रहते हैं। मीटिंग में मौनीबाबा की भूमिका में रहते है। विरोधियों का काम होता है विरोध दर्ज कराना। इनकी चुप्पी संदिग्ध है,हैरान करने वाली है। यहां तेरी भी चुप मेरी भी चुप का खेल चल रहा है। जो कुछ मिलेगा बंदरबांट करेंगे।
स्थायी समिति सभापति जवाब देने से कन्नी काटे
अंधेर नगरी चौपट राजा के बारे में जब स्थायी समिति सभापति संतोष लोंढे से इस बारे में पूछा गया तो बचते बचाते कन्नी काटते नजर आए। कहा कि विकास कार्य की आगे की योजना बन रही है। काम बाकी रहेगा। इसलिए प्रशासन प्रस्तावित लागत को अनुमोदित करने का प्रस्ताव करता है। सभापति के अनुसार करोडों रुपये का वृद्धि खर्च जायज है। यह पूछे जाने पर कि क्या न केवल प्रशासन के लिए बल्कि कुछ अतिरिक्त खर्चों के लिए भी प्रस्ताव था?लोंढे ने जवाब देने से परहेज करते हुए कहा मैं देखूंगा और बताऊंगा।