औरंगाबाद| व्हीएसआरएस न्यूज: कोरोना काल में द विद्यालयों, उच्च शिक्षण संस्थानों एवं कोचिंग संस्थानों को खोलने को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा आज शनिवार को यहां राष्ट्रीय इंटर स्कूल में महत्वपूर्ण बैठक की गई। जिला शिक्षा पदाधिकारी विद्यासागर सिंह एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान दीनानाथ विश्वकर्मा ने शिक्षण संस्थानों के संचालकों के साथ बैठक की। शिक्षण संस्थान खोलने से पहले की तैयारी और शिक्षण संस्थान चलाने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों से संबंधित आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया।
बैठक में अनुमंडल के सभी सरकारी विद्यालय, उच्च शिक्षा संस्थान, प्रशिक्षण संस्थान, निजी विद्यालय, कोचिंग संस्थान के प्रधानाध्यापक या प्राचार्य या प्रभारी उपस्थित रहे। हसपुरा बीईओ अशोक कुमार, सीआरसी मोहम्मद ऐनुल हक, लेखापाल बीआरसी अमरेश कुमार, ओबरा बीआरपी नंदकिशोर सिंह, लिपिक अब्दुल कलाम के अलावा शिक्षण संस्थानों से सुनील कुमार सिंह, नीरज कुमार गुप्ता, सर्वेश कुमार, मदन कुमार, बृजेश कुमार, देवदत्त पाठक, मेघनाथ पांडे, सत्येंद्र कुमार राय, विजय कुमार, कामेश्वर सिंह समेत दर्जनों व्यक्ति उपस्थित रहे। बैठक में केंद्र सरकार के आलोक में राज्य सरकार के आपातकालीन प्रबंधन समूह की बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि स्कूल खुलने से पूर्व क्या-क्या किया जाना आवश्यक है और शिक्षण संस्थान चलाने के क्रम में क्या-क्या सावधानियां बरतनी है।
दिए गए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश
4 जनवरी से सभी सरकारी निजी विद्यालयों के नौवीं से 12वीं कक्षा, सभी महाविद्यालय के अंतिम वर्ष की कक्षा एवं सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों को चालू किया जाएगा। कुल क्षमता की 50 प्रतिशत उपस्थिति ही प्रथम दिन रहेगी। शेष दूसरे दिन रहेगी। यानी हर कार्य दिवस को कक्षा की कुल क्षमता का 50 प्रतिशत ही उपस्थिति होगी। 18 जनवरी के बाद शेष कक्षाओं को चालू करने का निर्णय विभाग द्वारा स्थिति का मूल्यांकन कर लिया जाएगा। संक्रमण की रोकथाम हेतु प्रशिक्षण शिक्षा विभाग के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया जाएगा। सभी सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों को दो दो मास्क का वितरण जीवीका के माध्यम से किया जाएगा। छात्रावासों को खोलने के पूर्व शिक्षण संस्थान, विद्यालय परिसर, कक्षाओं के फर्नीचर, पानी टंकी, आश्रम, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी की सफाई करनी होगी। हाथ सफाई की सुविधा क्रियाशील होनी चाहिए। डिजिटल, थर्मामीटर, साबुन की व्यवस्था सुनिश्चित होगी। परिवहन व्यवस्था किए जाने के पूर्व उसे सैनिटाइज करना जरूरी होगा।
आपको बताते चले कि विद्यालयों में कई तरह के टास्क टीम का गठन किया जाना आवश्यक किया गया है। गाइडलाइन के अनुसार विद्यार्थी के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी होगी। प्रवेश एवं निकास द्वार को विभिन्न वर्गों के अनुसार क्रमवार समय आवंटित करते हुए आने एवं जाने के लिए चिन्हित करना होगा।