पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में मदद के लिए कई लोग आगे आ रहे हैं। मंदिर निर्माण समिति के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी महाराज ने अनुमान लगाया है कि राम मंदिर के निर्माण पर कुल 1,100 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस बीच उन्होंने खुलासा किया कि एक उद्योगपति ने मंदिर का सारा खर्च वहन करने की तत्परता दिखाई थी। उसने नाम बताने से इनकार कर दिया। वह पुणे में एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।
देश का एक उद्योगपति मेरे पास आया और कहा कि वह मंदिर के निर्माण के लिए भुगतान करने को तैयार है। मैंने उनका नाम भी नहीं पूछा। उन्होंने यह भी पूछताछ नहीं की कि क्या वह नाम लेना चाहते हैं। यदि आप इसे नाम देना चाहते हैं, तो समस्या हल हो गई है और यदि आप इसे नाम नहीं देना चाहते हैं, तो आप कुछ भाग दे सकते हैं। एक मंदिर बनाने का प्रयास किया गया है जो एक हजार साल तक मंदिर निर्माण की लाइफ होगी। लेकिन वे सफल नहीं हुए हैं। लेकिन अब मुंबई, गुवाहाटी और हैदराबाद में आइआइटी की मदद से विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है और दो विकल्प दिए गए हैं। यह निर्णय लेने के लिए बैठक दो दिनों तक चली कि उनमें से किसे चुनना है।
यह मंदिर पत्थरों की नींव पर खड़ा होगा और एक हजार साल तक चलेगा, गोविंद देवगिरी महाराज ने कहा। ट्रस्ट ने आंतरिक मंदिर की लागत पर कोई विचार नहीं किया है। लेकिन एक कोषाध्यक्ष होने के नाते मुझे लागत पर विचार करना होगा। मुझे लगता है कि मुख्य मंदिर की लागत 300 से 400 करोड़ रुपये होगी। यदि बाहरी क्षेत्रों में विकास को ध्यान में रखा जाता है,तो लागत 1100 करोड़ रुपये होगी। यह सिर्फ मेरा अनुमान है ऐसा गोविंद देवगिरी महाराज ने कहा।