पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पीएमपीएल को पुणे की जीवन रेखा के रूप में जाना जाता है। इस जीवनरेखा को गतिमान बनाने के लिए 2007 में पुणे में बीआरटी परियोजना को लागू किया गया था। नगरपालिका ने स्वारगेट से कात्रज तक का मार्ग शुरू करने का निर्णय लिया है। यह बीआरटी परियोजना क्या है और इस परियोजना की स्थिति क्या है? पुणे में यातायात जाम एक प्रमुख मुद्दा बन गया है। पुणे के निवासियों की यातायात की भीड़ से मुक्ति पुणे में हर पार्टी के घोषणापत्र में एक आश्वासन है। इस ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने और पुणे के नागरिकों की यात्रा को गति देने के लिए अहमदाबाद के तर्ज पर पुणे में बीआरटी प्रोजेक्ट बनाया गया था। हालाँकि यह परियोजना 14 वर्षों से सफल नहीं हुई है। अब बीआरटी उद्घाटन पर विवाद खडा हो गया है। पुणे के महापौर मुरलीधर मोहोल ने नए साल में 1 जनवरी को उद्घाटन की घोषणा की तो राष्ट्रवादी ने यह कहकर विरोध जताया कि काम अभी अधूरा है जल्दबाजी किस बात की हो रही है?
एनसीपी ने बीआरटी परियोजना पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया
महापौर ने बीआरटी के शुभारंभ की घोषणा की। हलांकि बीआरटी मार्ग पर बस को रोकने का काम अभी भी अधूरा है। महापौर कह रहे हैं कि हम अगले 2 दिनों में यह काम पूरा कर लेंगे। हालांकि पिछले 4 वर्षों में 100 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद काम पूरा नहीं हुआ है? यह राष्ट्रवादी द्वारा पूछा गया प्रश्न है। जब काम अधूरा है तो बीआरटी शुरू करने की जल्दबाजी क्यों? इस तरह का सवाल पूछते हुए एनसीपी ने इस परियोजना पर व्यापक भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। वर्तमान में बीआरटी मार्ग का काम अधूरा है। बीआरटी मार्ग पर निजी वाहन और बसें जिनके लिए बीआरटी को डिज़ाइन किया गया था। ट्रैफिक जाम से हटा दिया गया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या बीआरटी परियोजना निकट भविष्य में काम के जल्दी पूरा होने के साथ सफल होती है या अगर स्वारगेट से हडपसर तक का पहला मार्ग छोटा पड़ता है।