व्हीएसआरएस न्यूज़ ( नई दिल्ली ) किसानों से जुड़े बिलों को लेकर घमासान मचा हुआ है। किसान सड़कों पर इसका विरोध कर रहे हैं तो वहीं विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है।
सड़क पर किसान और संसद में नेता तीन विधेयकों को लेकर हाय-तौबा कर रहे हैं। दरअसल, सोमवार को लोक सभा में तीन बिल पेश किए गए। मंगलवार को उनमें से एक बिल पास हो गया और बाकी दो विधेयक गुरुवार (18 सितंबर) को पारित हुए ।
सड़क से संसद तक किसान बिल पर संग्राम हो रहा है कुछ किसानों को सरकार का कृषि विधेयक नापसंद है। वो कहते हैं कि सरकार का कृषि विधेयक किसानों के हित में नहीं है। विपक्षी दलों की राय भी यही है और वो सरकार का जबरदस्त विरोध भी कर रहे हैं। यहां तक कि खुद प्रधानमंत्री मोदी को आकर कहना पड़ा कि न तो भारतीय खाद्य निगम किसानों से अनाज खरीदना बंद करेगा और न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बंद होने वाला है। तब भी अकाली दल नाराज है।
” कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन बिल को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है।भारी विरोध के बावजूद केंद्र सरकार अपने कदम को पीछे नहीं ले रही है।
शुक्रवार को बिहार को कई परियोजनाओं की सौगात देने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि बिल का जिक्र किया और कहा कि कुछ दल किसानों को भ्रमित कर रहे हैं। इन अध्यादेशों से किसानों को बहुत फायदा मिलेगा।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कल विश्वकर्मा जयंती के दिन लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयक पारित किए गए हैं। इन विधेयकों ने हमारे अन्नदाता किसानों को अनेक बंधनों से मुक्ति दिलाई है ।इन सुधारों से किसानों को अपनी उपज बेचने में और ज्यादा विकल्प और ज्यादा अवसर मिलेंगे। मैं देश के किसानों को इन विधेयकों के लिए बधाई देता हूं ।
“ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि संसद में पास हुए ऐतिहासिक बिलों से किसानों को सुरक्षा मिलेगी। जो कई दशकों तक सत्ता में रहे वे किसानों को बहकाने की कोशिश कर रहे हैं, एग्रीकल्चर बिलों के बारे में किसानों से झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान सब जानते हैं। वे देख सकते हैं कि बिचौलियों का साथ कौन दे रहा है। हमारी सरकार किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलवाने के लिए कमिटेड है। एनडीए सरकार ने पिछले 6 सालों में किसानों के लिए जितना काम किया, उतना किसी और सरकार ने नहीं किया।”
“कृषि बिल के बारे में बताने बीजेपी किसान मोर्च भी जुटा“
कृषि बिल को लेकर संसद से सड़क तक विरोध के सुर देखते हुए अब बीजेपी किसान मोर्चा भी किसानों को बिल के बारे में समझाने में जुट गया है। किसान मोर्चा के साथ ही बीजेपी के सभी कार्यकर्ता भी 25 सितंबर को अपने अपने बूथ के लोगों से संपर्क करेंगे। तब से बीजेपी आत्मनिर्भर भारत सप्ताह की शुरूआत कर रही है, जो गांधी जयंती तक चलेगा। इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ता अन्य मुद्दों के अलावा कृषि बिल को लेकर भी लोगों के सवालों का जवाब देंगे और बताएंगे कि यह बिल किसान विरोधी नहीं है बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ही एक कदम है।
बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बलिया से सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने एक निजी न्यूज़ चैनल से कहा कि किसान मोर्चा के लोग ब्लॉक स्तर पर किसानों से लगातार संपर्क कर रहे हैं और उन्हें कृषि बिल के बारे में बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में असहमति सबका हक है लेकिन हम फैलाए जा रहे भ्रम को दूर कर रहे हैं जिसकी वजह से ज्यादा किसान इसके समर्थन में हैं। वीरेंद्र सिंह ने कहा कि बीजेपी के घोषणा पत्र में ही यह शामिल किया गया था कि किसानों की समृद्धि के लिए कानून बनाएंगे। घोषणापत्र पर भरोसे का संकट होता है और हमने इसे भरोसेमंद बनाने की पहल की है। पीएम के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की दिशा में किसानों की समृद्धि के लिए बनाया जा रहा कानून अहम कदम है।